सारंडा में विकास योजनाओं के नाम पर हो रहा सरकारी राशि का दुरूपयोग

रमेश सिंह मनोहरपुर पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत मनोहरपुर प्रखंड के सारंडा क्षेत्र में विक

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 07:49 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 07:49 PM (IST)
सारंडा में विकास योजनाओं के नाम पर हो रहा सरकारी राशि का दुरूपयोग
सारंडा में विकास योजनाओं के नाम पर हो रहा सरकारी राशि का दुरूपयोग

रमेश सिंह, मनोहरपुर : पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत मनोहरपुर प्रखंड के सारंडा क्षेत्र में विकास योजना निर्माण में ठेकेदारी का खेल चल रहा है। प्रखंड के मकरंडा पंचायत में वर्ष 2014-15 में स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन एक के जगह एक साथ दो-दो बना दिया गया। जानकारी के अनुसार विशेष प्रमंडल से लगभग 24-24 लाख रुपये की लागत से एक पंचायत के नावाडीह में तो दूसरा उसी पंचायत के कुसुमडीह में स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन एक साथ बना दिया गया। दोनों उपकेंद्रों में से एक नवाडीह में बना उपकेंद्र भवन वर्तमान में संचालित है पर कुसुमडीह में बना भवन खंडहर बनता जा रहा है। भवन का दरवाजा-खिड़की खत्म हो गया है। यह भवन वर्षों से आवारा मवेशियों के लिए आशियाना बनकर रह गया है। उस वक्त एक पंचायत में दो-दो स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन कैसे बन गया इसे लेकर न विभाग न ही सरकारी पदाधिकारी इसपर गौर फरमाया। बस ठेकेदारों की चल गई। इन सब के बावजूद विभाग पुन: एक गलती दोहरा रहा है। पंचायत में दो-दो स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन रहने के बावजूद पुन: मकरंडा पंचायत में भवन निर्माण विभाग से 41.97 लाख लागत की स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन निर्माण का टेंडर किया गया है। 21 मई को भवन निर्माण विभाग में टेंडर भी किया गया। जो आम लोगों के समझ से परे है। हालांकि भवन निर्माण विभाग को भी मालूम है कि मकरंडा में पहले से दो-दो भवन है। इसके बावजूद मकरंडा के नाम से भवन का टेंडर कराने के पीछे क्या राज है। कहीं बाद में पंचायत का नाम बदलकर चहेते को काम देने की मंशा तो नहीं। इन सब के पीछे कही सरकारी राशि का टेंडर के नाम पर बंदरबाट का खेल तो नहीं हो रहा। यह जांच का विषय है।

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हम जानते हैं मकरंडा में स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन है वहां नया स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन नहीं बनेगा। प्रखंड में जहां भवन नहीं है वैसे पंचायत में भवन बनेगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ही मकरंडा में भवन के लिए बताया गया था। अब अगर स्वास्थ्य विभाग प्रखंड के अन्य पंचायत जहां भवन की आवश्यकता हो लिखकर पत्र देगा तो नया भवन वहां बनेगा, ना कि मकरंडा में।

- सैफुउल्ला अंसारी, कार्यपालक अभियंता भवन निर्माण विभाग।

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मामला मेरे संज्ञान में आ गया है। किस परिस्थिति में भवन निर्माण के लिए टेंडर हुआ है इसे विभागीय अधिकारियों से पता करवाता हूं।

- अनन्य मित्तल, उपायुक्त चाईबासा।

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