चिड़िया माइंस में मजदूरों की छंटनी नहीं करेंगे बर्दाश्त : जोबा मांझी
चिड़िया माइंस जब शुरू किया गया था उस समय खदान में मजदूरों की संख्या 1500 के करीब थी लेकिन वर्तमान समय में 491 मजदूर चिड़िया खदान में काम कर रहे हैं।
संवाद सहयोगी, चाईबासा : चिड़िया माइंस जब शुरू किया गया था उस समय खदान में मजदूरों की संख्या 1500 के करीब थी, लेकिन वर्तमान समय में 491 मजदूर चिड़िया खदान में काम कर रहे हैं। इसके अलावा भी प्रबंधन की ओर से छंटनी का प्रयास किया जा रहा है। यह किसी भी हालत में बर्दाश्त के लायक नहीं है। यह बातें शुक्रवार को डीसी सभागार में चिड़िया माइंस क्षेत्र के विकास एवं मजदूरों की समस्या को लेकर प्रबंधन के साथ बैठक के बाद महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा मांझी ने कही। मंत्री ने कहा कि मजदूरों के द्वारा यह बार-बार शिकायत की गई है कि अभी प्रबंधन के द्वारा उत्पादन कम होने को लेकर मजदूरों की छंटनी की जा रही है। मंत्री ने कंपनी प्रबंधन से मजदूरों की छंटनी का आधार से संबंधित विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाने को कहा। बैठक में यह निष्कर्ष आया है कि हर हाल में स्थानीय श्रमिकों को तरजीह दी जाएगी। प्रबंधन ने इस बात पर सहमति जताई है। बैठक के बाद सांसद गीता कोड़ा ने बताया कि यह बैठक स्थानीय लोगों को स्थानीय क्षेत्र में रोजगार मिले, उसके लिए की गई थी। बैठक में काफी सकारात्मक बातें हुई हैं। उचित निर्देशन के साथ प्रबंधन को 15 दिन का समय दिया गया है जिसमें उन्हें बताना है कि प्रबंधन के द्वारा वर्तमान परिस्थिति में कितना रोजगार सृजन किया जा सकता है और कितने अधिक से अधिक श्रमिकों को काम दिया जाएगा। बैठक में डीसी अरवा राजकमल, एसपी अजय लिडा, सारंडा डीएफओ रजनीश कुमार, डीडीसी संदीप बक्शी, चिड़ियां माइंस के महाप्रबंधक, प्रोजेक्ट मैनेजर, मजदूर यूनियन के प्रतिनिधि एवं खनन कार्य में लगे कांट्रेक्टर के प्रतिनिधि मौजूद थे।