डॉक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की गुटबाजी से मरीजों को हो रही परेशानी

संवाद सूत्र, सोनुवा : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनुवा की स्वास्थ्य व्यवस्था इन दिनों अस्पताल के डॉ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Feb 2019 08:15 PM (IST) Updated:Thu, 21 Feb 2019 08:15 PM (IST)
डॉक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की गुटबाजी से मरीजों को हो रही परेशानी
डॉक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की गुटबाजी से मरीजों को हो रही परेशानी

संवाद सूत्र, सोनुवा : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनुवा की स्वास्थ्य व्यवस्था इन दिनों अस्पताल के डॉक्टरों एवं स्वाथ्यकर्मियों की आपसी गुटबाजी से चरमरा रही है। इससे अस्पताल में इलाज एवं स्वास्थ्य सुविधा लेने के लिए पहुंचने वाले मरीजों को परेशानी हो रही है। गुरुवार को ओपीडी खुली थी एवं डॉ. जयश्री किरण मरीजों की जांच कर रही थी। लेकिन अस्पताल का दवा कक्ष बंद था। इससे दवा नहीं मिलने पर मरीजों ने परेशान होकर हंगामा किया। जिसकी सूचना मिलने के बाद सोनुवा बीडीओ समीर कच्छप ने स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर हंगामे को शांत कराया। मौके पर पहुंचे बीस सूत्री अध्यक्ष बंसत प्रधान व सांसद प्रतिनिधि राजेश प्रधान ने मामले को गंभीर बताते हुए दवा केंद्र खुलवाने का मांग की। वहीं, मौके पर बीडीओ ने समस्या की जानकारी लेते हुए नए प्रभारी चिकित्सक डॉ. सरयू प्रसाद ¨सह से फोन से बात कर दवा कक्ष खुलवाने के बारे में बात करते हुए दोपहर करीब एक बजे दवा कक्ष को खुलवाया। जिससें स्थिति सामान्य हुई व मरीजों को दवा मिली। गुटबाजी को बताया जा रहा समस्या की बड़ी वजह

मरीजों को हो रही परेशानी के पीछे डॉक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की आपसी गुटबाजी को कारण बताया जा रहा है। अस्पताल के सूत्रों की मानें तो अस्पताल के डॉक्टर एवं स्वास्थ्यकर्मी दो अलग-अलग गुटों में बंटे हुए हैं, जिससे अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा रही है और इसका खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है। क्या है पूरा मामला

सोनुवा अस्पताल में कार्यरत कई एएनएम ने बुधवार को चाईबासा में सिविल सर्जन से मिलकर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. नरेश बास्के एवं फार्मासिस्ट बिधानचंद्र राय पर दु‌र्व्यव्हार करने का आरोप लगाते हुए इसकी लिखित शिकायत की थी। साथ ही एमपीडब्ल्यू संजीव प्रधान से फार्मासिस्ट का काम कराने की शिकायत की थी। जिसके बाद सिविल सर्जन द्वारा कार्रवाई करते हुए बुधवार को ही डॉ. नरेश बास्के को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के पद से हटाते हुए गोईलकेरा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सरयू प्रसाद ¨सह को अतिरिक्त प्रभार देने का आदेश जारी किया है। इसके साथ ही फार्मासिस्ट बिधानचंद्र राय को चक्रधरपुर अस्पताल में प्रतिनियुक्त करने एवं एमपीडब्ल्यू संजीव प्रधान को क्षेत्र में भेजने का आदेश जारी किया है। इसके बाद प्रभारी डॉक्टर एवं फार्मासिस्ट गुरुवार को छुट्टी पर चले गए हैं। उपायुक्त से की जाएगी शिकायत

मामले को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे बीस सूत्री अध्यक्ष बंसत प्रधान व सांसद प्रतिनिधि राजेश प्रधान ने कहा कि यह काफी गंभीर मामला है। स्वास्थ्य विभाग मरीजों के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने मामले को लेकर उपायुक्त महोदय को शिकायत करने की बात कही। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी

अस्पताल की कई एएनएम द्वारा प्रभारी डॉक्टर एवं दो स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ शिकायत करने एवं इस मामले में सिविल सर्जन द्वारा कार्रवाई करने के बाद अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. नरेश बास्के एवं फार्मासिस्ट बिधानचंद्र राय ने इस मामले में आरोपों को निराधार बताते हुए अस्पताल की ही एक महिला डॉक्टर डॉ. जयश्री किरण एवं लिपिक अनिता महतो पर साजिश रचते हुए आरोप लगाने वाले एएनएम को उनके खिलाफ भड़काने का आरोप लगाया है। दोनों का कहना है कि महिला डॉक्टर डॉ. जयश्री किरण द्वारा पिछले दिनों सोनुवा अस्पताल से चाईबासा में अपनी प्रतिनियुक्ति कराई गई थी। इस मामले को विधायक जोबा माझी ने पिछले दिनों विधानसभा में उठाया था। जिसके बाद डॉ. जयश्री किरण की प्रतिनियुक्ति को रद करते हुए उन्हें फिर से सोनुवा अस्पताल में वापस पदस्थापित कर दिया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं फार्मासिस्ट के मुताबिक प्रतिनियुक्ति रद होने से मायूस होकर डॉक्टर डॉ. जयश्री किरण द्वारा अस्पताल की लिपिक अनिता महतो के साथ मिलकर साजिश रचते हुए एएनएम को उनके खिलाफ भड़काने का काम किया गया है। क्षेत्र में काम पर जाने से बचने के लिए लगाया आरोप : डॉ. बास्के

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. नरेश बास्के ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनुवा के अंतर्गत दो प्रखंड सोनुवा एवं गुदड़ी के क्षेत्र आते हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आने वाले क्षेत्र काफी सुदूरवर्ती व बिहड़ में स्थित हैं। इन सुदूर क्षेत्र में स्थित गांवों में एएनएम को भेजकर उनके द्वारा स्वास्थ्य सेवा पहुंचाया जाता है। इन सुदूर क्षेत्र में अपने कार्य में जाने से बचने के लिए एएनएम द्वारा उनके खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाया जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है।

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