आज से थम जाएंगे बसों के पहिये, चालक-खलासी व कंडक्टर चिंता में
रविवार (16 मई) से सवारी बसों के चक्के पूरी तरह से थम जाएंगे। इसको लेकर शनिवार को चाईबासा बस स्टैंड से निकलने वाली बसों में यात्रियों का आवागमन पूरी तरह से सामान्य रहा।
जागरण संवाददाता, चाईबासा : रविवार (16 मई) से सवारी बसों के चक्के पूरी तरह से थम जाएंगे। इसको लेकर शनिवार को चाईबासा बस स्टैंड से निकलने वाली बसों में यात्रियों का आवागमन पूरी तरह से सामान्य रहा। शनिवार को रांची, जमशेदपुर, किरीबुरू, बेनीसागर, गोईलकेरा, मनोहरपुर, सोनुवा, सरायकेला व अन्य जगहों के लिए बसें अपने निर्धारित समय से सीमित सवारी लेकर चलीं लेकिन चालक, कंडेक्टर, खलासी व एजेंटों के चेहरे पर पूरी तरह से मायूसी थी। दरअसल, रविवार को संपूर्ण लॉकडाउन में बसों के चक्का पूरी तरह से थम जाएंगे। यह लोग पूरी तरह से बेरोजगार हो जाएंगे। क्योंकि इनमें से कई ऐसे चालक, खलासी, कंडेक्टर व एजेंट हैं जो रोज कमाते हैं, तभी इनके घरों का चूल्हा जलता है। इनके आगे सबसे बड़ी समस्या परिवार के भरण-पोषण पर आ गई है। चाईबासा बस स्टैंड में एजेंटो ने कहा कि क्या सवारी बसों से ही कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। जब से झारखंड सरकार ने आंशिक लाकडाउन लगाया और बस में 50 प्रतिशत सवारी बैठाकर चलने का आदेश निर्गत किया था, तब से 50 प्रतिशत ही सवारी बैठकर जा रही थी। इसके बावजूद बसों का परिचालन पूरी तरह से बंद करना यानि बस कर्मचारियों के पेट में लात मारने के बराबर है। आज भी सभी के पास चार पहिया वाहन नहीं है कि निकाला और चल दिया। बसों में कम भाड़ा में सवारी आराम से गंतव्य तक आना-जाना करती थीं। 50 प्रतिशत सवारियों में कोरोना संक्रमण का खतरा भी ज्यादा नहीं था।
------------------------
झारखंड सरकार ने बस परिचालन पर जो पूरी तरह से रोक लगाया है यह गलत है। बस से जुड़े संचालक, चालक, कंडेक्टर, खलासी व एजेंटों पर बड़ी परेशानी होगी। इससे जुड़े सारे लोग पूरी तरह से बेरोजगार हो जाएंगे। साथ ही आने-जाने वाली सवारियों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। हर कोई के पास चार पहिया वाहन नहीं है। पश्चिम सिंहभूम जिला अत्यंत पिछड़ा जिला है। इस जिले में सभी तबके के लोग निवास करते है।
- मोहम्मद बारीक, उपाध्यक्ष सिंहभूम बस आनर एसोसिएशन चाईबासा।