कोल्हान विवि के पूर्व कुलपति प्रो. डा. आरपीपी सिंह की कोरोना से मौत, टाकू ने जताया शोक

कोल्हान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. आरपीपी सिंह की कोरोना से मौत हो गई। डा. आरपीपी सिंह कोल्हान विवि के तीसरे कुलपति थे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 07:19 PM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 07:19 PM (IST)
कोल्हान विवि के पूर्व कुलपति प्रो. डा. आरपीपी सिंह की कोरोना से मौत, टाकू ने जताया शोक
कोल्हान विवि के पूर्व कुलपति प्रो. डा. आरपीपी सिंह की कोरोना से मौत, टाकू ने जताया शोक

जागरण संवाददाता, चाईबासा : कोल्हान विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. आरपीपी सिंह की कोरोना से मौत हो गई। डा. आरपीपी सिंह कोल्हान विवि के तीसरे कुलपति थे। उनके असमय निधन की सूचना से महाविद्यालयों के शिक्षकों में शोक की लहर दौड़ गई है। रविवार को टाकू के शिक्षकों ने पूर्व कुलपति प्रो. डा. आरपीपी सिंह, कॉपरेटिव महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डा. वीके. सिंह एवं विभिन्न महाविद्यालयों के शिक्षकों अथवा परिवार के सदस्यों के स्वर्गवासी होने पर ऑनलाइन बैठक कर दिवंगत आत्माओं के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। बैठक की अध्यक्षता टीचर एसोसिएशन आफ कोल्हान यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष डा. राजेन्द्र भारती ने की। बताया गया कि पूर्व कुलपति प्रो. डा. आरपीपी सिंह, कॉपरेटिव महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डा. वीके सिंह, बहरागोड़ा कालेज के डा. बीएम गिरि (अर्थशास्त्र विभाग) करीम सिटी कालेज के डा. अनवर आलम (इतिहास विभाग), डा. जफरुल हक़ (भौतिकी विज्ञान), एलबीएसएम. महाविद्यालय के प्रो. बिनोद कुमार की धर्म पत्नी श्रीमती श्वेता विश्वकर्मा, कोल्हान विश्वविद्यालय के टीआरएल विभाग के हेड डा. कारूमांझी एवं कोल्हान विश्वविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष डा. तापेश्वर पांडे की धर्म पत्नी कोरोना महामारी के दौर में स्वर्गवासी हुए हैं। इस दुख की बेला पर परिवार के सदस्यों को सहन शक्ति प्रदान करने के लिए सभी शिक्षकों ने ईश्वर से प्रार्थना की। इस कार्यक्रम का संचालन टाकू के महासचिव प्रो. इंदल पासवान ने किया। इस अवसर कुछ शिक्षकों ने दिवंगत शिक्षकों या उनके परिवार के स्वर्गवासी सदस्यों से जुड़े हुए अनुभवों एवं विचारों को व्यक्त किया। ऑनलाइन बैठक में डा. आरके चौधरी, डा. अशोक रवानी, डा. दीपंजय श्रीवास्तव, प्रो. विनय गुप्ता, डा. अनिल चन्द्र पाठक, डा. विनय कुमार सिंह, डा. विजय प्रकाश, डा. मंसूर आलम, डा. धर्मेंद्र रजक आदि शिक्षकों ने अपनी-अपनी संवेदनाओं को व्यक्त किया। अंत में सभी शिक्षकों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की।

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