रुई की कमी के कारण तीन घंटे देर से शुरू हुआ कोविड-19 टीकाकरण

कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को लेकर सरकारी तंत्र से लेकर निजी कंपनी अधिकारी काफी सक्रिय हैं। सरकारी अस्पताल व कंपनी अस्पतालों में वैश्विक महामारी से बचने के कारगर उपाय ढूंढे जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 07:17 PM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 07:17 PM (IST)
रुई की कमी के कारण तीन घंटे देर से शुरू हुआ कोविड-19 टीकाकरण
रुई की कमी के कारण तीन घंटे देर से शुरू हुआ कोविड-19 टीकाकरण

संवाद सूत्र, नोवामुंडी : कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को लेकर सरकारी तंत्र से लेकर निजी कंपनी अधिकारी काफी सक्रिय हैं। सरकारी अस्पताल व कंपनी अस्पतालों में वैश्विक महामारी से बचने के कारगर उपाय ढूंढे जा रहे हैं। जगह-जगह आइसोलेशन वार्ड बनाकर जांच के दौरान संक्रमित लोगों का इलाज कराया जा रहा है। उम्र के हिसाब से कोरोना वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज भी दी जा रही है। इसी कड़ी में सोमवार को नोवामुंडी बीटी सेंटर के पास आइसोलेशन वार्ड तैयार कर लोगों को वैक्सीन देने के लिए सुबह दस बजे केंद्र बुलाया गया था। टीका के लिए लोगों की लाइन लग गई मगर टीकाकरण शुरू नहीं किया गया। तीन घंटे बाद करीब एक बजे टीका लगना शुरू हुआ। विलंब होने के विषय में पूछताछ की गई तो पता चला कि केंद्र में रुई नहीं थी। रुई लाने में तीन घंटे का समय लग गया। इस बीच गर्मी के मौसम में लाइन में लगे लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी।

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ऑनलाइन पंजीकरण के बाद वैक्सीन का दूसरा डोज लेने पहुंचे लोग बैरंग लौटे

संवाद सूत्र, बड़बिल : एक ओर टीकाकरण और टेस्टिंग की समय पर सही जानकारी उपलब्ध नहीं होने के कारण टीकाकरण के लिए सुबह से ही बड़बिल सीएचसी में लोगों की लंबी कतार आम बात हो गई है। वहीं, दूसरी ओर अपने दायित्व से बेखबर संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों की उदासीनता और त्रुटिपूर्ण सिस्टम के कारण वैक्सीनेशन के लिए पंजीयन कराने वाले स्थानीय लोगों को विभिन्न प्रकार की कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। मामला सोमवार दोपहर का है। बड़बिल नगर निवासी 64 वर्षीय शरद कुमार ठक्कर, 58 वर्षीय डॉली ठक्कर और 53 वर्षीय गीता भोजानी सोमवार को ऑनलाइन मिली जानकारी के आधार पर सोमवार दोपहर साढ़े बारह बजे टीकाकरण का दूसरा डोज लेने बड़बिल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे किन्तु उस समय टीकाकरण केंद्र में सन्नाटा पसरा हुआ था। अंतत: निराशा और हताशा के साथ तीनों अपने घर लौट गए। इसके साथ ही उन्हें पहला डोज लेने का सर्टिफिकेट भी संबंधित विभाग ने सोमवार को भेजा जबकि तीनों नगरवासी गत मार्च 18 को स्थानीय अस्पताल में अपना पहला डोज ले चुके थे और उन्हें प्रमाण पत्र भी मिल चुका था। दूसरी ओर सोमवार को साढ़े बारह बजे से दो बजे का समय दूसरा डोज लेने के लिए विभाग द्वारा निर्देश जारी किया गया था लेकिन वे लोग बिना टीका लिए लौट गए। घटना की सूचना मिलने के बाद जनसाधारण के बीच सिस्टम में त्रुटी और विभाग के कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह उजागर करते हुए कालाबाजारी जैसी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

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