200 रुपये दो और कोविड जांच सर्टिफिकेट बनवा लो

वैश्विक महामारी कोविड-19 से बचाव को लेकर सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर लोगों को मुफ्त कोरोना जांच और टीका दिलवाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 02 Oct 2021 08:04 PM (IST) Updated:Sat, 02 Oct 2021 08:04 PM (IST)
200 रुपये दो और कोविड जांच सर्टिफिकेट बनवा लो
200 रुपये दो और कोविड जांच सर्टिफिकेट बनवा लो

संवाद सूत्र, नोवामुंडी : वैश्विक महामारी कोविड-19 से बचाव को लेकर सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर लोगों को मुफ्त कोरोना जांच और टीका दिलवाया जा रहा है। वैक्सीन लेने के प्रति लोगों के बीच जागरूकता लाने के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है। इसके बावजूद सरकारी अस्पताल कर्मियों द्वारा कोविड-19 जांच और वैक्सीन देने के नामपर गरीबों से अवैध राशि की वसूली जा रही है। नोवामुंडी अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र को उदाहरण के तौर लिया जा सकता है। मामले का खुलासा तब हुआ जब गांधी जयंती के दिन शनिवार को स्कूली छात्र स्कूल में नामांकन के पहले कोविड जांच सर्टिफिकेट लेने अस्पताल पहुंचे। यहां छात्रों की जांच किए बिना 200 से 500 रुपये वसूले गये। उसके बाद जांच रिपोर्ट थमा दी गई। महुदी मुंडासाई गांव के ज्ञानचंद लागुरी के 12 वर्षीय बेटे और झामुमो सत्ताधारी पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता गोमन बोबोंगा उर्फ रिचु बोबोंगा के 13 वर्षीय बेटे और केरला समाजम स्कूल के ही छात्र से कोविड जांच किए बिना 200 रुपये लेकर रिपोर्ट थमा दी गई। अभिभावकों ने पैसा वसूली मामले को लेकर झामुमो प्रखंड अध्यक्ष मनोज लागुरी से शिकायत की। मनोज लागुरी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए रुतागुटु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी नरेंद्र सुंडी से बातचीत की तो उन्होंने यह कहकर चुप्पी साध ली कि उन्हें इस तरह की कोई सूचना नहीं मिली है। इसकी जांचकर सत्यता मिलने पर दोषी पर कार्रवाई होगी। अगर आरोप सत्य पाए गए तो पैसे लौटा दिए जाएंगे। झामुमो प्रखंड सचिव मनोज लागुरी ने बताया कि अदिवासी गरीब स्कूली बच्चों से कोविड-19 जांच के नाम पर अवैध रूप से पैसे वसूली किया जाना गंभीर मामला है।

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बड़ाजामदा स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टर पर भी पैसे लेने का आरोप लग चुका

मनोज लागुरी ने बताया कि बड़ाजामदा स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टर पर भी छह महीने पहले श्रमिकों से जांच रिपोर्ट देने के नाम पर 150 से 200 रुपये पैसे वसूली का आरोप लग चुका है। डाक्टर से नाराज 97 ग्रामीणों का हस्ताक्षरयुक्त आवेदन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उपायुक्त पश्चिमी सिंहभूम और चाईबासा सिविल सर्जन को भेजा गया था। आवेदन पर क्षेत्रीय मानकी, मुंडा, मुखिया, वार्ड मेंबर ने भी अनुशंसा की थी। बावजूद वसूली करने वाले चिकित्सक के खिलाफ आज तक किसी तरह की कोई कर्रवाई नहीं की गई।

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