5 घंटों में 25 गजराजों ने 28 खेतों में मचाया उत्पात, दहशत में किसान

संवाद सूत्र, जगन्नाथपुर : गजराज ने फिर एक बार गांवों की तरफ रुख मोड़ लिया है। 25 हाथियों

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 08:57 PM (IST) Updated:Tue, 18 Sep 2018 08:57 PM (IST)
5 घंटों में 25 गजराजों ने 28 खेतों में मचाया उत्पात, दहशत में किसान
5 घंटों में 25 गजराजों ने 28 खेतों में मचाया उत्पात, दहशत में किसान

संवाद सूत्र, जगन्नाथपुर : गजराज ने फिर एक बार गांवों की तरफ रुख मोड़ लिया है। 25 हाथियों की एक टोली ने 28 धान के खेतों में जमकर उत्पात मचाया और तैयार हो रही धान कीफसलों को रौंद कर काफी नुकसान पहुंचाया है। यह घटना प्रखंड के बड़ा महुलडीया गांव के समरमगुटु, उलिहातु तथा पूर्णिया गांव के साथ-साथ काटेपाड़ा, कुदरसाई आसपास में बीते सोमवार रात की है। मिली जानकारी के अनुसार सोमवार रात करीब 9 बजे ओडिशा के जंगल से भटक कर करीब 25 की संख्या में गजराज की एक टोली समरमगुटु गांव आ धमकी। इस दौरान गजराजों ने गांव के किनारे-किनारे नाला तथा रेलवे लाईन को पार करते हुए कई किसानों के धान की तैयार फसलों को रौंद डाला। जब हाथियों के चिंघाड़ने की आवाज ग्रामीणों ने सुनी तो उनकी रात की नींद उड़ गई। देर रात तक ग्रामीण हाथियों को सुरक्षित स्थान की तरफ खदेड़ने का प्रयास करते रहे। लेकिन गजराज अपनी धुन में मस्त होकर खेतों को लगातार रौंदते हुए आगे बढ़ते रहे। इस दौरान समरमगुटू और उलिहातु के कई ग्रामीण रात भर जाग कर गजराजों को अपने खेत से खदेड़ने में जुटे रहे। मंगलवार तड़के 2 बजे हाथियों को दामोदरपुर कानियाडुबा नाला की तरह खदेड़ा गया। लेकिन हाथी उलिहातु होते हुए कुदरसाई, काटेपाड़ा जंगल होते हुए पूर्णिया जंगल की तरह आ गए। इस दौरान उलिहातु, कुदरसाई और पूर्णिया में धान के तैयार फसलों को गजराजों ने नुकसान पहुंचाया। मिली जानकारी के अनुसार समरमगुटू निवासी किसान घनश्याम ¨सकु के 2 खेत, मंगल ¨सकु के 2 खेत, बड़कुंवर ¨सकु का 1 खेत, उलिहातु में 3 किसानों का 4 खेत, पूर्णिया जंगल क्षेत्र की तरह स्थित अरुण कुमार गोप का 1 खेत, बिरबल हेस्सा का 3 खेत, विमल नापित का 2 खेत, शत्रुघन गोप का 3 खेत, संतोष महातो का 3 खेत, सुनील महातो का 5 खेत तथा केशव ¨सकु के 3 खेतों में गजराजों की टोली ने नुकसान पहुंचाया है। गजराजों की संख्या लगभग 25 बताई जा रही है। टोली शायद दो भाग में बट गई है और शायद यही वजह है की पूर्णिया जंगल में मंगलवार देर शाम तक करीब 12 गजराज आसपास विचरण करते दिखे हैं। जबकि बाकी गजराज के काटेपाड़ा या दामोदरपुर की तरह होने की सूचना है।

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