सरकारी विद्यालयों में वर्ग छह से आठ की ऑफलाईन कक्षाएं शुरू

कोरोना संक्रमण के कारण लगभग डेढ़ साल से विद्यालय में पठन-पाठन बंद रहने के पश्चात सोमवार को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार सह उपायुक्त के निर्देशानुसार जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधीक्षक के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी आदेश के आलोक में जिले के सभी प्रकार के विद्यालयों में कोविड प्रोटोकोल का पालन करते हुए वर्ग 6 से 8 की कक्षाएं शुरू हो गई। ष्द्धड्डद्बढ्डड्डह्यड्ड द्गस्त्रह्वष्ड्डह्लद्बश्रठ्ठ ठ्ठद्ग2ह्य

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 07:25 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 07:25 PM (IST)
सरकारी विद्यालयों में वर्ग छह से आठ की ऑफलाईन कक्षाएं शुरू
सरकारी विद्यालयों में वर्ग छह से आठ की ऑफलाईन कक्षाएं शुरू

जागरण संवाददाता, चाईबासा : कोरोना संक्रमण के कारण लगभग डेढ़ साल से विद्यालय में पठन-पाठन बंद रहने के पश्चात सोमवार को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार सह उपायुक्त के निर्देशानुसार जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधीक्षक के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी आदेश के आलोक में जिले के सभी प्रकार के विद्यालयों में कोविड प्रोटोकोल का पालन करते हुए वर्ग 6 से 8 की कक्षाएं शुरू हो गई।

इसी क्रम में नगरपालिका क्षेत्र के वार्ड संख्या 19 में अवस्थित आदर्श नगरपालिका बंगला मध्य विद्यालय भी खोल दिया गया। विद्यालय के प्रधानाध्यापक असीम कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार को प्रथम दिन बच्चों की उपस्थिति काफी कम रही। वर्ग छह से आठ में कुल 289 नामांकित बच्चों में से मात्र 93 बच्चे ही उपस्थित हुए। कक्षा में प्रवेश करने से पूर्व सभी छात्र-छात्राओं की प्रधानाध्यापक की उपस्थिति में थर्मल स्कैनिंग की गई। थर्मल स्कैनिग के पश्चात बच्चों के हाथों को सैनिटाइज करवाकर ही कक्षा में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। वर्ग में भी बैठने की व्यवस्था इस प्रकार की गई थी ताकि एक बच्चे से दूसरे बच्चों के बीच न्यूनतम छह फीट की दूरी बनी रहे। खास बात यह कि विद्यालय आने वाले लगभग सभी छात्र-छात्राओं ने मास्क पहन रखा था तथा सभी के माता-पिता अथवा अभिभावक ने विद्यालय भेजने की सहमति प्रदान की थी। जो बच्चे बगैर मास्क के पहुंचे उन्हें विद्यालय की ओर से मास्क प्रदान कराया गया।

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लंबे समय बाद विद्यालय पहुंकर विद्यार्थियों के चेहरे पर झलकी खुशी

लम्बे समय से विद्यालय से दूर रहने के कारण सोमवार को जब बच्चे विद्यालय पहुंचे तो उनके चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। खप्परसाई की रहने वाली आठवीं कक्षा की छात्रा माईकल देवगम ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण लंबे समय से विद्यालय न आने के कारण उसकी पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ा है। हलांकि ऑनलाइन क्लासेस तथा डिजीसाथ के तहत प्रतिदिन कंटेंट्स उपलब्ध कराए जा रहे थे परन्तु विद्यालय में रहकर शिक्षकों के सम्मुख पढ़ने का कोई मुकाबला नहीं है। डिलियामार्चा के वर्ग षष्ठम के सिद्धांत तियु ने भी स्कूल खुलने पर प्रसन्नता व्यक्त की तथा सरकार का आभार व्यक्त किया।

स्टेशन रोड की कक्षा आठ की जूही कुमारी ने बताया कि अगले वर्ष आठवीं की बोर्ड परीक्षा होने वाली है और विद्यालय खुलने से हमें शिक्षकों के मार्गदर्शन में तैयारी करने का सही अवसर मिलेगा।

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स्कूल की साफ-सफाई के बाद ही करें कक्षा का संचालन : डीएसई

संवाद सहयोगी, चाईबासा : स्कूली शिक्षा विभाग झारखंड सरकार के द्वारा जारी निर्देश के तहत सोमवार से वर्ग 6 से 8 तक कक्षा का संचालन करने को लेकर स्कूलों में असमंजस की स्थिति देखने को मिली। पश्चिमी सिंहभूम जिला के कुछ स्कूलों में वर्ग 6 से 8 तक के बच्चों को बुलाया गया। वहीं, कुछ स्कूल सरकार की गाइडलाइन का इंतजार कर रहे हैं। इस वजह से जिले में अधिकतर स्कूल 24 सितंबर के बाद खोलने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला शिक्षा अधीक्षक अनिल कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार ने स्कूल को खोलने की गाइडलाइन जारी की है लेकिन इतने दिन से बंद स्कूलों में 4 दिन साफ-सफाई में ही लगेगा। साफ-सफाई के बाद कक्षा संचालन नियमित तौर से किया जा सकेगा। खासकर इसमें बच्चों को स्कूल भेजना है या नहीं इसका निर्णय खुद अभिभावक को करना है। अभिभावक से अनुमति प्रमाण पत्र लेने के बाद ही बच्चे विद्यालय आएंगे। इसका ख्याल जिले के सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापक को रखना होगा। अभिभावक अगर बच्चों को स्कूल भेजना नहीं चाहते हैं तो वह किसी भी हाल में स्कूल नहीं आएंगे, क्योंकि बच्चों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। सरकार ने भी जारी गाइड लाइन में निर्देश दिया है कि अभिभावक से अनुमति लेने के बाद ही बच्चों को स्कूल बुलाएं। गाइडलाइन के अनुसार स्कूल में आने वाले सभी बच्चों को मास्क लगाना अनिवार्य है। साथ ही बैठने के लिए बेंच में शारीरिक दूरी का पालन, सैनिटाइजर का इस्तेमाल समेत अन्य जरूरी चीजों पर भी विद्यालय ध्यान रखेंगे। इसके अलावा विद्यालय में जो शिक्षक पढ़ाएंगे उन्हें वैक्सीन का दोनों डोज लेना अनिवार्य किया गया है।

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