सुकरीपाड़ा पहुंची चाईबासा की मेडिकल टीम, चार मौतों की जानी सच्चाई

उपायुक्त अनन्य मित्तल के आदेश पर मंगलवार को चाईबासा मुख्यालय से स्वास्थ्य विभाग की एक टीम नोवामुंडी प्रखंड के सुकरीपाड़ा गांव पहुंची। टीम ने गांव में चारों मृतकों के परिवार से मुलाकात कर मौत का कारण जानने की कोशिश की..

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 07:00 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 07:00 AM (IST)
सुकरीपाड़ा पहुंची चाईबासा की मेडिकल टीम, चार मौतों की जानी सच्चाई
सुकरीपाड़ा पहुंची चाईबासा की मेडिकल टीम, चार मौतों की जानी सच्चाई

जासं, चाईबासा : उपायुक्त अनन्य मित्तल के आदेश पर मंगलवार को चाईबासा मुख्यालय से स्वास्थ्य विभाग की एक टीम नोवामुंडी प्रखंड के सुकरीपाड़ा गांव पहुंची। टीम ने गांव में चारों मृतकों के परिवार से मुलाकात कर मौत का कारण जानने की कोशिश की। करीब 4 घंटा की पड़ताल के बाद सारी स्थितियां स्पष्ट हो सकीं। टीम लीडर डाक्टर जगन्नाथ हेम्ब्रम ने बताया कि तीन बच्चों व एक महिला चारों लोगों की मौत अलग-अलग कारणों से अगल-अलग टोला में हुई है। हालांकि जिन वजह से ये मौतें हुई वो दुर्भाग्यपूर्ण है। समीक्षा के क्रम में यह बात सामने आयी है कि बीमार होने के बाद किसी ने भी दवा का सेवन नहीं किया था। यहां लोग झाड़-फूंक पर ज्यादा भरोसा करते हैं। चार मृत्यु के बाद ग्रामीणों ने बोंगा पूजा भी की थी। अगर समय पर परिवार वाले नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र या सहिया से इलाज कराते तो संभवत: सभी की जान बच सकती थी। मेडिकल टीम में डा. अनिकेत कुमार, आइडीएसपी के अजमत अजीम, मलेरिया इंस्पेक्टर राजनंदन कुमार शशी, अहसन फारुख समेत स्थानीय सहिया मौजूद थी। तीन बच्चों व एक महिला की मौत के रहस्य से उठा पर्दा : 7 साल की गुरुवारी केराई की मौत 26 जून 2021 को ही हो गयी थी। उसे लगातार तीन दिन से बुखार था। वो गंभीर रूप से एनीमिया से भी ग्रसित थी। सहिया ने गांव जाकर उसे दवा भी दी थी मगर उसने दवा का सेवन नहीं किया था। उसकी छोटी बहन की जांच टीम ने की। वो भी अनीमिया से ग्रसित पायी गयी है।

6 साल की रबिना तिरिया सुकरीपाड़ा के तिरियासाई की निवासी थी। उसकी मौत 29 जुलाई 2021 को हुई थी। 29 जुलाई की सुबह मा-पिता घर से बाहर गये हुए थे। बच्ची घर में अकेले थी। इस दौरान उसे काफी तेज बुखार आया। बुखार की वजह से बेहोशी व ऐंठन हुई होगी। घर पर किसी के नहीं रहने के कारण स्थिति ज्यादा बिगड़ गयी और उसकी मौत हो गयी।

30 साल की रेशमा केराई गाड़ासाई टोला की रहने वाली थी। 28 जुलाई से वो बुखार से ग्रसित थी। 31 जुलाई को रात 12 तक तक लगातार खून की खांसी होती रही और उसने दम तोड़ दिया। उसकी मौत की मुख्य वजह टीबी हो सकती है।

10 साल के जुनाई केराई की मौत 25 जुलाई को हुई थी। परिजनों से पता चला कि जुनाई अपने मां-बाप के साथ जंगल गया था। वहां जंगली फल खाने के बाद पेट दर्द, दस्त और उल्टी होने लगी। 24 घंटे के भीतर 20-25 बार दस्त व उल्टी होने की वजह से उसकी मौत हुई है। यह मामला फूड प्वाइजनिग का प्रतीत होता है। उपायुक्त अनन्य मित्तल ने बताया कि चाईबासा से एक मेडिकल टीम

सुकरीपाड़ा गांव में पहुंची थी। वहां मेगा कैंप में ग्रामीणों की मलेरिया और कोरोना जांच भी की गयी। जांच के क्रम में एक व्यक्ति मलेरिया से ग्रसित पाया गया। सभी की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आयी। इसके अलावा मंगलवार को पूरे जिले में करीब 25 हजार लोगों की कोरोना जांच करायी गयी है। इनमें से मात्र 3 लोग ही पूरे जिले में संक्रमित पाए गए हैं।

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