इस आदर्श ग्राम में एंबुलेंस भी नहीं घुस सकती, जर्जर सड़क बनी रोड़ा
आदर्श ग्राम शब्द सुनते ही लगता है की गांव काफी विकसित होगा। यहां कोई समस्या नहीं होगी।
संवाद सूत्र, कुमारडुंगी : 'आदर्श ग्राम' शब्द सुनते ही लगता है की गांव काफी विकसित होगा। यहां कोई समस्या नहीं होगी। यहां के लोगों को सरकार की सभी बुनियादी सुविधाएं मिलती होंगी। पर यह सिर्फ कहने-सुनने के लिए ठीक है। पश्चिम सिंहभूम जिला के कुमारडुंगी प्रखंड का आदर्श ग्राम खड़बंध है। इसी गांव के जमीन पर प्रखंड कार्यालय अवस्थित है पर यह गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर है। इस गांव में प्रवेश के लिए एक मात्र कच्ची सड़क है पर उसपर भी एक साधारण चार पहिया वाहन चल नहीं सकता है। इसका मुख्य कारण वहां की जर्जर सड़क है। गांव के अंदर तो डीएमएफटी फंड से बनी चमकती सड़के हैं पर प्रवेश में ही गड्डों से भरी जर्जर सड़क है। ग्रामीणों का कहना है की यह सड़क पहले चलने लायक थी। गांव के अंदर जब नई सड़क बनी तो बड़ी-बड़ी गाड़ियां आईं। उसी में सड़क टूट गई। नतीजतन आज गांव में चार पहिया वाहन नहीं घुस सकता। गांव में 108 एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पा रही है।
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यह सड़क गांव से बाहर निकलने के लिए एक मात्र सड़क है। कच्ची सड़क होने के कारण बरसात में बाहर निकलने के लिऐ परेशानी उठानी पड़ती है। पीसीसी बनाने की मांग की गयी है पर नहीं बन रही है।
-फोटो-19- घनश्याम पिगुवा, खड़बंध। बरसात में सड़क पर बने गड्ढे में पानी जमा होता है। कितना गहरा गड्ढा है आंकलन भी नहीं किया जा सकता है पर हम हर दिन उसी सड़क से सफर करते हैं। इसलिए अनुमानित चलते हैं। रात को चलना काफी मुश्किल है। सड़क मरम्मति बहुत जरुरी है। फोटो-18- सुरेश बोबोंगा, खड़बंध पहले सड़क ठीक थी। गांव में सड़क बनाने वाली ठेका कंपनी ने बड़ी गाड़ी चलाकर कच्ची सड़क को तोड़ दिया है। उसे मरम्मत करना होगा। वरना आगे से गांव में गाड़ी घुसने नहीं देंगे।
-फोटो-20-श्याम पिगुवा, खड़बंध- गांव में नई सड़के बनी तो हम बहुत खुश हैं पर इस कारण हमारे बाहर जाने वाली सड़क को तोड़ दिया गया है। यह गलत है। जरुरत पड़ने पर 108 एम्बुलेंस तक नहीं आ पा रही है। मरम्मति नहीं करा ठेका कंपनी को महंगा पड़ेगा।--फोटो-22- बिदराय पिगुवा, खड़बंध-