यहां आधार कार्ड बनावाने के लिए भोर तीन बजे से लग जाती है लाइन

पश्चिम सिंहभूम जिले के कुमारडुंगी ब्लॉक में आधार कार्ड बनवाने के लिए लोग भोर 3 बजे से ही अपने साथ रोटी की पोटली लेकर बच्चों के साथ कुमारडुंगी प्रखंड कार्यालय पहुंच जाते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 07:50 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 07:50 PM (IST)
यहां आधार कार्ड बनावाने के लिए भोर तीन बजे से लग जाती है लाइन
यहां आधार कार्ड बनावाने के लिए भोर तीन बजे से लग जाती है लाइन

मनीष कुमार दास, कुमारडुंगी : पश्चिम सिंहभूम जिले के कुमारडुंगी ब्लॉक में आधार कार्ड बनवाने के लिए लोग भोर 3 बजे से ही अपने साथ रोटी की पोटली लेकर बच्चों के साथ कुमारडुंगी प्रखंड कार्यालय पहुंच जाते हैं। इसके बाद यहां लाइन लगनी शुरू हो जाती है। सुबह 10 बजे जब प्रखंड कार्यालय खुलता है तब बारी-बारी से आधार कार्ड बनने शुरू होते हैं। कुमारडुंगी में यह सिलसिला कई दिनों से चले आ रहा है। सूचना पर हालात की पड़ताल करने दैनिक जागरण के कुमारडुंगी प्रतिनिधि तड़के तीन बजे प्रखंड कार्यालय के लिए निकल गए। इस क्रम में सूनसान रास्ते में कोहरे की चादर के बीच साइकिल में एक बुजुर्ग व्यक्ति अपने पीछे एक बच्चे को बैठाए आता नजर आया। साइकिल के आगे में कपड़े की एक पोटली टंगी थी। बुजुर्ग व्यक्ति हैंडल के साथ पारंपरिक तीर-धनुष पकड़े हुए था। उसके पार होने के तुरंत बाद आठ-दस साइकिल वाले अपने पीछे एक या दो बच्चे बैठाकर पहुंच गए। सभी हाथ में पारंपरिक हथियार लिए थे। जागरण प्रतिनिधि भी अपने एक साथी पंकज बेहरा के साथ प्रखंड कार्यालय के गेट के सामने पहुंचे। गेट में देखा की वहां 15 लोग तीर-धनुष के साथ खड़े हैं। इस वक्त करीब सुबह के 3:15 बज रहा था। दोनों ने हिम्मत कर ग्रामीणों से पूछा की इतनी सुबह आप लोग ब्लॉक गेट में क्या कर रहे हैं? इसपर लगभग 62 साल के बुजुर्ग व्यक्ति ने अपना नाम राउतु पिगुवा कुमारडुंगी के जाकोयसाई टोला निवासी बताते हुए कहा कि वे सभी अपने बच्चों का आधार कार्ड बनवाने आए हैं। इतनी सुबह आने का कारण पूछने पर बताया कि आधार कार्ड बनाने वाले केन्द्र में सुबह से ही लम्बी लाइन लग जाती है। आधार कार्ड बनाने के लिए उस दिन का सारा काम रुक जाता है। सुबह-सुबह आए हैं। आज कार्ड बनवाकर ही घर जाएंगे। तभी नजर एक साइकिल पर टंगी पोटली पर गई। इसके बारे में पूछने पर कुमिरता गांव निवासी सरदार तामसोय ने बताया कि पोटली में बच्चे व अपने लिए खाना रखा हुआ है। सुबह से लाइन लगने के बावजूद आधार कार्ड बनने में देरी हो जाती है। आधार कार्ड बनाने वाला केंद्र भी 10:00 बजे ही खुलता है। आधार कार्ड बनने तक भूख-प्यास से रहना संभव नहीं है। बच्चे भी इतना देरी तक भूखे नहीं रह पाएंगे इसलिए घर से खाना बनवाकर लाए हैं।

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सुबह भालू के हमले का रहता डर इसलिए साथ लाते हैं पारंपरिक हथियार

साथ में तीर धनुष, भाला व टांगी लेकर आने के बारे में पूछने पर बताया कि हमारे क्षेत्र में भालुओं का आतंक है। जंगल किनारे होने के कारण भालू रोज निकलते हैं। भालू के साथ ही कई और जानवरों का भी डर रहता है। ऐसे में खाली हाथ घर से निकलना समझदारी नहीं होगी। इसलिए अपनी व बच्चों की सुरक्षा के लिए हथियार साथ में लिये रहते हैं।

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मशीन खराब होने की वजह से नहीं बन पाया लोगों का आधार कार्ड

इतनी बात करते-करते सुबह के 5:30 बज गए। तब तक और भी कई लोग बच्चों के साथ वहां ब्लॉक गेट में पहुंच गए थे। ब्लॉक क्वार्टर में रहने वाले एक कर्मचारी ने आकर मुख्य गेट खोल दिया। गेट खुलते ही लोग दौड़कर आधार कार्ड निर्माण केन्द्र के बाहर लाईन में खड़े हो गए। लाईन में खड़े-खड़े तीन घंटा बीत गया। सुबह के नौ बज रहे थे। तभी पता चला कि आज मशीन खराब होने के कारण आधार कार्ड निर्माण केन्द्र नहीं खुलेगा। इस बात पर लोगों को भरोसा नहीं हुआ और वे कतार में लगे रहे। कुछ लोग बात सुनकर वहां से चले गए। केंद्र पर कुमिरता गाड़ासाई से आए ओनामो खंडाईत से बात करने पर उसने बताया की कल फिर सुबह तीन बजे से आकर ब्लॉक गेट में खड़ा होना पड़ेगा। यह उसका दूसरा दिन है। सुबह 10 बजे तक यह खबर पक्की हो गी कि मशीन खराब है। आधार कार्ड नहीं बनेगा। इसके बाद बचे लोग अगले दिन आने की बात कहकर अपने-अपने गांव लौट गए।

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