लेखा प्रबंधक की लोकायुक्त ने तलब की जांच रिपोर्ट

विवादों में घिरे पश्चिमी सिंहभूम जिले के सिविल सर्जन कार्यालय के लेखा प्रबंधक (डैम) सुजीत कुमार चौधरी से जुड़ी जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई के संबंध में लोकायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। लोकायुक्त कार्यालय के संयुक्त सचिव इश्तियाक अहमद ने स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग रांची के प्रधान सचिव को भेजे अपने पत्र में कहा है कि लेखा प्रबंधक सुजीत कुमार चौधरी पर पद का दुरुपयोग कर विपत्र भुगतान लंबित रखकर 25 प्रतिश रिश्वत मांगने अनुपस्थित अवधि का भी वेतन निकासी करने पदाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करना अनुशासनहीनता असहयोगात्मक रवैया एवं स्वेच्छारिता जैसे गंभीर आरोपों की पुष्टि हुई है..

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 06:00 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 06:00 AM (IST)
लेखा प्रबंधक की लोकायुक्त ने तलब की जांच रिपोर्ट
लेखा प्रबंधक की लोकायुक्त ने तलब की जांच रिपोर्ट

जासं, चाईबासा : विवादों में घिरे पश्चिमी सिंहभूम जिले के सिविल सर्जन कार्यालय के लेखा प्रबंधक (डैम) सुजीत कुमार चौधरी से जुड़ी जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई के संबंध में लोकायुक्त ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। लोकायुक्त कार्यालय के संयुक्त सचिव इश्तियाक अहमद ने स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग रांची के प्रधान सचिव को भेजे अपने पत्र में कहा है कि लेखा प्रबंधक सुजीत कुमार चौधरी पर पद का दुरुपयोग कर विपत्र भुगतान लंबित रखकर 25 प्रतिश रिश्वत मांगने, अनुपस्थित अवधि का भी वेतन निकासी करने, पदाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करना, अनुशासनहीनता, असहयोगात्मक रवैया एवं स्वेच्छारिता जैसे गंभीर आरोपों की पुष्टि हुई है। सुजीत कुमार चौधरी पर प्रमाणित आरोपों के आधार पर कार्रवाई के निमित पश्चिमी सिंहभूम जिला के उपायुक्त एवं सिविल सर्जन द्वारा बर्खास्तगी की अनुशंसा भी की गई है। लोकायुक्त की ओर से इसके आलोक में की गयी कार्रवाई से संबंधित फलाफल प्रतिवेदनप्राप्त करने का निर्णय लिया गया है। इसको देखते हुए प्रधान सचिव को वांछित प्रतिवेदन की प्रतियां तीन सप्ताह के अंदर निश्चित रूप से लोकायुक्त कार्यालय में समर्पित करने को कहा गया है। यहां बता दें कि जिला लेखा प्रबंधक के खिलाफ अमन इंटरप्राइजेज नामक कंपनी की ओर से लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की गयी थी। सुजीत पर विपत्र भुगतान के बदले रिश्वत मांगने और आय से अधिक संपति जैसा गंभीर आरोप भी लगाया गया था। लोकायुक्त ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पश्चिमी सिंहभूम जिला के उपायुक्त को जांच का आदेश दिया था। उपायुक्त ने हेल्थ नोडल सह सदर अनुमंडलाधिकारी शशींद्र बड़ाइक को जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी। एसडीओ ने अपनी जांच में सुजीत पर लगे आरोपों की पुष्टि करते हुए आय से अधिक संपति के मामले में उच्चस्तरीय जांच कराने की अनुशंसा की थी। इस रिपोर्ट के आधार पर उपायुक्त ने डैम को बर्खास्त करने की अनुशंसा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक से कर रखी है। निदेशक ने डैम को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसका जवाब डैम ने दे दिया है। ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि स्वास्थ्य विभाग डैम के प्रति क्या रुख अपनाता है और लोकायुक्त में क्या जवाब देगा।

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