नक्सली ग्रामीण क्षेत्र के विकास में सबसे बड़े बाधक : डीआइजी
नक्सली ग्रामीण क्षेत्र के विकास में सबसे बड़े बाधक हैं। उनकी वजह से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में विकास कार्य तेजी से नहीं हो पाता है। यह बातें बड़ा लगिया गांव में आयोजित चाईबासा पुलिस द्वारा सामुदायिक पुलिसिग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोल्हान डीआइजी राजीव रंजन ने कही।
संवाद सहयोगी, चाईबासा : नक्सली ग्रामीण क्षेत्र के विकास में सबसे बड़े बाधक हैं। उनकी वजह से सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में विकास कार्य तेजी से नहीं हो पाता है। यह बातें बड़ा लगिया गांव में आयोजित चाईबासा पुलिस द्वारा सामुदायिक पुलिसिग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोल्हान डीआइजी राजीव रंजन ने कही। उन्होंने कहा कि सरकार आपके विकास के लिए हर समय तैयार है। पुलिस आपकी सुरक्षा और समस्या का समाधान करने के लिए साथ खड़ी है। लेकिन अपने गलत मकसद लेकर नक्सली विकास योजनाओं को ग्रामीण क्षेत्र में पूरा नहीं होना देना चाहते हैं। नक्सलियों को मालूम है अगर ग्रामीण क्षेत्र के युवा पढ़ लिख गए, गांव में बिजली, पानी, सड़क, रोजगार आ गया तो वह ग्रामीणों को बहका नहीं सकते हैं। इसलिए वह हर विकास कार्य में बाधक बन कर खड़े हो जाते हैं। लेकिन अब समय बदल रहा है। नक्सलियों के नापाक इरादों को कभी पूरा होने नहीं दिया जाएगा। इसलिए बेहतर है कि झारखंड सरकार के द्वारा दी जाने वाली सरेंडर पॉलिसी के तहत सभी नक्सली सरेंडर करें। नक्सली अपना और युवाओं का जीवन बेकार में बर्बाद कर रहे हैं। सभी भटके हुए लोग सही रास्ते में लौटें और देश के विकास में सहभागी बनें। इस दौरान पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा ने कहा कि सामुदायिक पुलिसिग के तहत हम ग्रामीणों की हर समस्या का समाधान करने के लिए तैयार हैं। किसी भी आम जनता को पुलिस से पूरा सहयोग मिलेगा। किसी प्रकार की समस्या हो तो सीधे पुलिस पदाधिकारी से संपर्क करें। साथ ही गांव के विकास के लिए जो भी कार्य जरुरी हो उसकी भी जानकारी दें जिसे हम सिविल प्रशासन को इसकी सूची सौंपकर विकास के कार्य को ग्रामाीण क्षेत्र में करा सकें। इस दौरान शिविर में स्वास्थ्य जांच शिविर से सैकड़ों लोगों को लाभ पहुंचाया गया। साथ ही पुलिस प्रशासन के द्वारा खेल सामग्री समेत अन्य समान देकर ग्रामीणों को लाभान्वित किया गया। मौके पर जन प्रतिनिधि, मानकी, मुंडा, ग्रामीण, युवक व स्कूली बच्चे मौजूद थे।