उद्यमियों को निर्यात प्रोत्साहन के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करेगा प्रशासन : डीसी
डीसी कार्यालय सभागार में स्वतंत्रता के 75वें वर्षगांठ पर संचालित कार्यक्रम आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में उद्योग विभाग झारखंड सरकार के तत्वाधान में जिला स्तरीय एक्सपोर्टर कांक्लेव का आयोजन किया गया।
जासं, चाईबासा : डीसी कार्यालय सभागार में स्वतंत्रता के 75वें वर्षगांठ पर संचालित कार्यक्रम 'आजादी के अमृत महोत्सव' के उपलक्ष्य में उद्योग विभाग, झारखंड सरकार के तत्वाधान में जिला स्तरीय एक्सपोर्टर कांक्लेव का आयोजन किया गया। मौके पर डीसी मित्तल ने कहा कि सरकार के स्तर पर एवं जिला प्रशासन के द्वारा जिले के उद्यमियों को निर्यात प्रोत्साहन के लिए हरसंभव सहायता प्रदान किया जाएगा। किसी प्रकार की समस्याओं के निदान के लिए सीधे संपर्क करें। वन उत्पाद से संबंधित विस्तृत जानकारी तथा इससे जुड़ी सामग्रियों के निर्यात की संभावनाओं पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र द्वारा झारखंड की औद्योगिक नीति 2021, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम एवं निर्यात प्रोत्साहन नीति के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु सरकार द्वारा संचालित लाभप्रद योजनाओं से अवगत करवाया गया। मौके पर मधुसूदन अग्रवाल, नितिन प्रकाश, राजकुमार ओझा , छोटेलाल तमसोय, डोमिन टुडू के द्वारा निर्यात संभावनाओं तथा इसमें आने वाली समस्याओं एवं सरकार से इस दिशा में अपेक्षित सहायता पर चर्चा की गई एवं सुझाव दिया गया। मौके पर महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र शंभू शरण बैठा, राज्य कर उपायुक्त चाईबासा शंकर दयाल, जिला कृषि पदाधिकारी कालिपद महतो, जिला मत्स्य पदाधिकारी जयंत रंजन, अग्रणी जिला बैंक प्रबंधक लक्ष्मी नारायण लागुरी समेत अन्य मौजूद थे।
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सामाजिक बदलाव के लिए गैर सरकारी संगठन को आगे आकर करना होगा कार्य : डीसी
संवाद सहयोगी, चाईबासा : समाहरणालय सभागार में उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में बच्चों के सर्वोत्तम हित तथा सामाजिक मुद्दे पर गैर सरकारी संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई। बैठक में डीसी मित्तल ने कहा कि सभी गैर सरकारी संगठन अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न मुद्दों पर काम करते हैं। जिसमें जन सहभागिता का महत्वपूर्ण भूमिका होता है। जिसके द्वारा सामाजिक व्यवहार में बदलाव लाया जा सकता है। प्रत्येक गैर सरकारी संगठन के सहयोग से पंचायत स्तर पर गठित बाल संरक्षण समिति के साथ समन्वय स्थापित कर बच्चों में क्रियात्मक विकास किया जा सकता है। जिसके तहत बच्चों के कौशल विकास, खेलकूद, पढ़ाई के लिए लाइब्रेरी, समयानुसार कोचिग, कंप्यूटर ज्ञान आदि की व्यवस्था से भी बेहतर परिणाम सामने आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्य में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका स्थानीय लोगों की होगी, जिनके द्वारा उपलब्ध संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल से उक्त व्यवस्थाएं पंचायत स्तर पर ही सुदृढ़ किया जा सकता है। गैर सरकारी संगठन इस आशय के लिए उन्हें प्रेरित करें। डीसी ने कहा कि जिले में क्रियाशील सभी गैर सरकारी संगठनों के हितधारकों को जिला प्रशासन के द्वारा किए जा रहे सामाजिक बदलाव के इस कार्य में सहयोग देने के लिए इच्छुक संगठन, व्यक्ति समाहरणालय स्थित जिला समाज कल्याण कार्यालय से संपर्क स्थापित कर अपनी उल्लेखनीय भूमिका अदा कर सकते हैं। इस मौके पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अनीशा कुजूर, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पुनीता तिवारी सहित जिले में क्रियाशील 40 गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।