लचर स्वास्थ्य सुविधा से पीड़ित महिला ने दूसरा नवजात भी खोया

मनोहरपुर प्रखंड के सारंडा क्षेत्र के छोटानागरा में स्वास्थ्य सुविधा की लचर व्यवस्था से पीड़ित महिला ने अपना दूसरा नवजात भी खो दिया। महिला के दूसरे बच्ची की मौत इलाज के क्रम में हो गयी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Jan 2020 09:41 PM (IST) Updated:Tue, 28 Jan 2020 06:18 AM (IST)
लचर स्वास्थ्य सुविधा से पीड़ित महिला ने दूसरा नवजात भी खोया
लचर स्वास्थ्य सुविधा से पीड़ित महिला ने दूसरा नवजात भी खोया

संवाद सूत्र, मनोहरपुर : मनोहरपुर प्रखंड के सारंडा क्षेत्र के छोटानागरा में स्वास्थ्य सुविधा की लचर व्यवस्था से पीड़ित महिला ने अपना दूसरा नवजात भी खो दिया। महिला के दूसरे बच्ची की मौत इलाज के क्रम में हो गयी। बच्ची का इलाज ओडिशा राउरकेला के आरजीएच में चल रहा था रविवार को दोपहर दो बजे बच्ची का मुंह से खून आने लगा और बच्ची की मौत हो गयी। ज्ञात हो कि छोटानागरा गांव की गर्भवती महिला को दो दिन पूर्व शुक्रवार की अर्धरात्रि प्रसव के दौरान स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने से महिला के जुड़वा बच्चे में एक बच्चे की मौत हो गई थी जबकि दूसरे की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई थी। दूसरे बच्चे (लड़की) का इलाज मनोहरपुर सीएचसी में चल रहा था। वहां बच्ची को वार्मर रूम में रख इलाज किया जा रहा था। वहां से रेफर किये जाने के बाद नवजात बच्ची का इलाज राउरकेला के आरजीएच में चल रहा था। जहां इलाज के क्रम में बच्ची की मौत हो गयी।

पीड़ित महिला छोटानागरा गोप टोला निवासी नारद गोप की पत्नी रश्मि गोप है। शुक्रवार की देर रात रश्मि ने सरकारी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध न होने पर अपने मायके में ही जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था जिसमें पहला लड़की व दूसरा लड़का था। महिला का सात माह का गर्भ भी पूरा नही हुआ था। और असमय पीड़ा उठी और रात्रि लगभग 12 बजे दो बच्चों को जन्म दिया। जिसमें दूसरे बच्चा जो लड़का था। लगभग दो घंटे बाद ही उसकी मौत ही गई थी। रात्रि में समूचित व्यवस्था नहीं मिलने पर महिला ने अपने पहले बच्चे जो लड़की थी उसे लेकर अपने पति और सहिया की मदद से छोटानागरा से 33 किमी दूर मनोहरपुर स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। जहां चिकित्सक ने बच्चे व उसके मां की स्वास्थ्य जांच के बाद बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए बच्चे को वार्मर रूम में भर्ती कर विशेष निगरानी में इलाज किया जा रहा था। उस समय भी बच्ची की स्थिति नाजुक बनी हुई थी। बाद में उसे रेफर कर दिया गया था।

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