हार्ट अटैक के छह मिनट में उपचार से बच सकती है मरीज की जान

एनडीआरएफ की टीम ने गुरुवार को टाटा कॉलेज सभागार में आपदा से निपटने के लिए छात्रों को जानकारी दी। इस संबंध में एनडीआरएफ के एसआइ संदीप कुमार ने कहा कि विपदा अचानक आने वाली चीज है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 07:40 PM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 06:32 AM (IST)
हार्ट अटैक के छह मिनट में उपचार से बच सकती है मरीज की जान
हार्ट अटैक के छह मिनट में उपचार से बच सकती है मरीज की जान

संस, चाईबासा : एनडीआरएफ की टीम ने गुरुवार को टाटा कॉलेज सभागार में आपदा से निपटने के लिए छात्रों को जानकारी दी। इस संबंध में एनडीआरएफ के एसआइ संदीप कुमार ने कहा कि विपदा अचानक आने वाली चीज है। इससे हमें उसी प्रकार ही निपटना भी है। हम अपने घर में होते हैं और किसी को हार्ट अटैक हो जो तो हम जानकारी के अभाव में कुछ नहीं कर सकते हैं। लेकिन हार्ट अटैक आने के तुरंत बाद व्यक्ति की मौत नहीं होती है, उसे तत्काल उपचार मिल जाए तो वह आसानी के साथ छह मिनट बाद भी जीवित हो सकता है। लेकिन उसके लिए उन्हें बेहतर प्रशिक्षण की जरूरत होती है। क्योंकि अगर गलत तरीके से आप उपचार करेंगे तो बचने की संभावना भी खत्म हो जाती है। इसके अलावा बाढ़, भूकंप, आग, दुर्घटना, रक्त रोकना, सर्पदंश आदि के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। इस दौरान टाटा कॉलेज एनएसएस यूनिट के सदस्यों ने अभ्यास कर इसके बारे विस्तार से जानकारी ली।

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