4 हजार रुपये में मिल रहा एक ट्रैक्टर बालू, अवैध बालू कारोबारियों की कट रही चांदी

पश्चिम सिंहभूम जिला में बालू का खेल जोरों पर चल रहा है। सौ सीएफटी 1500 रुपये के बालू को 4000 रुपये प्रति ट्रैक्टर के हिसाब से बेचा जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 07:33 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 07:33 PM (IST)
4 हजार रुपये में मिल रहा एक ट्रैक्टर बालू, अवैध बालू कारोबारियों की कट रही चांदी
4 हजार रुपये में मिल रहा एक ट्रैक्टर बालू, अवैध बालू कारोबारियों की कट रही चांदी

जागरण संवाददाता, चाईबासा : पश्चिम सिंहभूम जिला में बालू का खेल जोरों पर चल रहा है। सौ सीएफटी 1500 रुपये के बालू को 4000 रुपये प्रति ट्रैक्टर के हिसाब से बेचा जा रहा है। इसमें लाइसेंस धारी और अवैध दोनों तरह के लोग शामिल हैं। सोमवार को दैनिक जागरण के रिपोर्टर ने बालू खरीदार बनकर बालू कारोबारी को फोन कर बालू की जरुरत है कितने में बालू मिलेगा। इसपर जवाब आया कि कौन और कहां से बोल रहे हो। इसके जवाब में बताया गया कि चाईबासा के गांधी टोला में घर बनाने के लिए बालू की जरूरत है। बालू कारोबारी ने संतुष्ट होने के बाद पूछा कि ट्रैक्टर में चाहिए कि हाइवा में। बरसात की वजह से बालू बहुत मुश्किल से मिल रहा है। कितना चाहिए उसी हिसाब से दाम लगेगा। इतने में ग्राहक बनकर कहा कि 10-12 ट्रैक्टर की जरुरत है, धीरे-धीरे घर पूरा करना है। इसके बाद दाम का असली खेल शुरू हुआ। बालू कारोबारी ने कहा कि 4000 रुपये में एक ट्रैक्टर बालू घर तक पहुंच जाएगा। क्योंकि अभी बालू बहुत मुश्किल से मिल रहा है। वह भी रात में शहर के बाहर होते हुए गांधी टोला में पहुंचाना होता है। शहर में पुलिस का सख्त पहरा रहता है। रिस्क लेकर ही बालू का कारोबार हो रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि रात में नदी के अंदर से बालू निकालना भी काफी मुश्किल काम है। वहीं जो बालू कारोबार के लिए लाइसेंस लिए हैं, उनसे भी लेने से दाम वहीं पड़ रहा है। इसलिए अवैध रूप से बालू रात में नदी के अंदर पानी में घूस कर निकालना पड़ता है। वहीं हाइवा में बालू लेने पर 25 हजार रुपये देने पड़ेंगे। कहा कि लाइसेंस लेने वाले बालू निकालकर रख लेते हैं। उसके बाद जब बरसात में दाम बढ़ता है तो उंचे दाम में उसे बेचा जाता है। यह हाल सिर्फ चाईबासा शहर का नहीं है। पूरे जिले भर में इस प्रकार के ऊंचे दाम ग्राहकों से लिए जा रहे हैं। अवैध बालू का कारोबार रात के अंधेरे में होता है। इसका नजारा देखना है तो आप मझगांव-जैंतगढ़ मुख्य मार्ग में आसानी से देख सकते हैं। रात 8 बजे के बाद ट्रैक्टर और हाइवा की लाइन लगी रहती है। यहां नदी से बालू जेसीबी मशीन के सहारे निकाला जाता है। जिसमें नदी से बालू निकाल कर जैंतगढ़, नोवामुंडी, जगन्नाथपुर, ओडिशा के चंपुआ आदि क्षेत्रों में भेजा जाता है। इसी प्रकार तांतनगर, मंझारी, झींकपानी, कुमारडुंगी, मझगांव, मनोहरपुर, चक्रधरपुर , सोनुवा समेत अन्य प्रखंडों में भी बालू का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है।

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