चाईबासा में जीएसटी फर्जीवाड़ा की राशि 15 करोड़ से बढ़कर 66 करोड़ रुपये तक पहुंची

फर्जी कागजात के सहारे फर्जी फर्म चलाने वाले कास्ट अकाउंटेंट कमल राय की गिरफ्तारी के बाद नया खुलासा हो रहा है। 2019 में वाणिज्य कर विभाग ने 15 करोड़ वैट व जीएसटी टैक्स चोरी का मामला दर्ज कराया था।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 08:48 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 08:48 PM (IST)
चाईबासा में जीएसटी फर्जीवाड़ा की राशि 15 करोड़ से बढ़कर  66 करोड़ रुपये तक पहुंची
चाईबासा में जीएसटी फर्जीवाड़ा की राशि 15 करोड़ से बढ़कर 66 करोड़ रुपये तक पहुंची

संवाद सहयोगी, चाईबासा : फर्जी कागजात के सहारे फर्जी फर्म चलाने वाले कास्ट अकाउंटेंट कमल राय की गिरफ्तारी के बाद नया खुलासा हो रहा है। 2019 में वाणिज्य कर विभाग ने 15 करोड़ वैट व जीएसटी टैक्स चोरी का मामला दर्ज कराया था। अनुसंधान में इससे कहीं ज्यादा लगभग 66 करोड़ का वैट और जीएसटी में टैक्स चोरी का मामला सामने आया है। कॉस्ट अकाउंटेंट की जिम्मेदारी होती है कि व्यवसाय और वाणिज्य कर विभाग के बीच समन्वय स्थापित कर टैक्स का भुगतान करना होता है लेकिन जमशेदपुर निवासी कमल रॉय नामक कॉस्ट अकाउंटेंट ने करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी की साजिश कर दी। कमल राय नामक इस कॉस्ट अकाउंटेंट ने पहले फर्जी दस्तावेज बनाकर तिरुपति इंटरप्राइजेज एवं बालाजी इंटरप्राइजेज नाम से दो फर्जी फार्म बनाया। इन दोनों फर्मों के नाम से व्यवसाय किया और सरकार को करोड़ों रुपयों की चपत लगा दी। इस संबंध में जानकारी देते हुए चाईबासा वाणिज्य कर उपायुक्त रतन लाल गुप्ता ने कहा कि 2019 में वाणिज्य कर विभाग ने 15 करोड़ का वैट एवं जीएसटी चोरी के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। वर्तमान असेसमेंट के अनुसार इन दोनों व्यवसायिक फार्मों ने कुल 66 करोड़ रुपयों की टैक्स चोरी को अंजाम दिया है। इसमें तिरुपति इंटरप्राइजेज का वैट 20 करोड़ 15 लाख 42 हजार 236 रुपये जबकि जीएसटी का 4 करोड़ 87 लाख 91 हजार 370 रुपये शामिल है। इसी तरह दूसरी फर्म बालाजी इंटरप्राइजेज का वैट 24 करोड़ 43 लाख 55 हजार 633 रुपये व जीएसटी 18 करोड़ 10 लाख 7 हजार 641 रुपये का गबन किया गया है। अभी इसमें जांच चल ही रही है। दोनों फर्माें को चलाने वाले की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हें।

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