टीवी पर दीप को खेलते नहीं देख सके माता-पिता

कुरडेग प्रखंड से सटे ओड़िशा की निवासी है हाकी खिलाड़ दीप ग्रेस गांव की मैदान से निकलक

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 09:07 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 09:07 PM (IST)
टीवी पर दीप को खेलते नहीं देख सके माता-पिता
टीवी पर दीप को खेलते नहीं देख सके माता-पिता

कुरडेग प्रखंड से सटे ओड़िशा की निवासी है हाकी खिलाड़ दीप ग्रेस

गांव की मैदान से निकलकर ओलिपित टोक्यो तक पहुंची अंधेरियस लकड़ा कुरडेग(सिमडेगा):झारखंड के पड़ोसी राज्य राज्य ओड़िशा के सुंदरगढ़ जिलांतर्गत लुलकीडीह बबनीबहार गांव की बेटी भी दीप ग्रेस एक्का भी टोक्यो ओलिपिक में भारतीय महिला टीम से खेल रही हैं। झारखंड के डुमरडीह पंचायत से सटा महज 4 किलोमीटर की दूरी पर लुलकीडीह बमनीबहार जंगल के बीच बसा गांव है।गांव में

नियमित रूप से बिजली नहीं रहने का दर्द दीप ग्रेस के परिवार का है।जिन्होंने अब

तक कोई भी मैच टीवी पर नहीं देख सके हैं।घर में टेलीविजन तो है पर बिजली की बदहाली के कारण बेटी को एक दिन भी टेलीविजन पर खेलते हुए उसके परिवार के सदस्य नहीं देख पाए।दीप के पिता चा‌र्ल्स एक्का, माता जयमनी एक्का, बड़ा भाई डेविड एक्का का कहना है कि विपरीत परिस्थितियों जूझकर दीप आज ओलिपिक

में पहुंची है। दीपग्रेस एक्का लुलकीडीह में प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की । गांव में ही परती टांड़ को मैदान बनाकर खेलने लगी।उस वक्त ब्रांडेड हॉकी स्टीक नहीं था,पर उसने केंदू पौधा से बने हॉकी स्टिक से खेलकर ओलिपिक तक पहुंची है।दीप ग्रेस के पिता चा‌र्ल्स एक्का का मुख्य पेशा कृषि है। परिवार में तीन बेटे तथा दो बेटियां हैं।जिनमें दीपग्रेस एक्का सबसे छोटी है ।परिवार में दूसरा बड़ा बेटा दिनेश एक्का भी खेल के माध्यम से ही आज ओएनजीसी कंपनी में नौकरी करता है। बाकी सभी लोग घर पर ही रहते हैं। गांव की सुविधा की बात कही जाए तो दीप के घर तक पहुंच पथ नहीं है।गांव में पीने का पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है।गर्मी के दिनों में हैंडपंप भी सूख जाता है। लोग कुएं का पानी से प्यास बुझाते हैं।गांव में स्वास्थ्य उपकेन्द्र भी नहीं है।

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