फसलों की निगरानी एवं सुरक्षा प्रदान करेगा ड्रोन
फसलों की निगरानी एवं सुरक्षा प्रदान करेगा ड्रोन प्रशांत कुमार बानो(सिमडेगा) तकनीक का प्रयोग कर कृषि क्षेत्र को समृद्ध बनाने के लिए के
प्रशांत कुमार, बानो(सिमडेगा): तकनीक का प्रयोग कर कृषि क्षेत्र को समृद्ध बनाने के लिए केवीके (कृषि विज्ञान केंद्र)द्वारा लगातार नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डा.शंकर कुमार सिंह के निर्देशन में ड्रोन के माध्यम से फसलों की निगरानी एवं कीटनाशकों के छिड़काव कार्य का प्रदर्शन किया गया।मौके पर क्षेत्र के किसानों ने बड़ी उत्सुकता के साथ इस कार्य का अवलोकन किया। तमिलानाडू राज्य की गरूड़ा कंपनी के माध्यम से ड्रोन से 100-400 फीट के ऊपर से उर्वरक व कीटनाक का छिड़काव किया गया। इसे किसानों के साथ-साथ महिलाओं एवं छात्रों ने भी देखा। साथ ही किसानों ने कहा कि उन्हें भी इस तरह की सुविधा से जोड़ा जाएगा ताकि वे भी अपने खेत में ड्रोन के माध्यम से उर्वरक एवं कीटनाशक का छिड़काव कर सकें। इस बाबत केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डा.शंकर कुमार सिंह ने कहा कि ड्रोन से उर्वरक एवं कीटनाशक दवा के छिड़काव करने से समय व रुपये दोनों की बचत होती है। वहीं खेतों में समानुपाती रूप से दवा व उर्वरक का छिड़काव हो पाता है। एक एकड़ खेत में दवा छिड़काव करने में मात्र 600 रुपये का खर्च आता है। उन्होंने बताया कि इससे समय की बचत होती है। 15 मिनट में दो एकड़ खेतों में दवा का छिड़काव किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि पुरानी पद्धति में जहां दवा छिड़काव में 200 लीटर पानी लगता है तो ड्रोन तकनीक से 15-20 लीटर पानी में ही छिड़काव किया जा सकता है। वरीय वैज्ञानिक ने कहा कि इस तकनीक द्वारा किसानों को मदद दिलाने की कोशिश की जाएगी। इसके लिए किसानों को ट्रेनिग भी दी जाएगी। इससे वे अपने कृषि कार्य में आधुनिकतम तकनीक की मदद लेते हुए सुलभ ढंग से कार्य कर सकें। कई बार दवा का छिड़काव करते वक्त सुरक्षा को लेकर भी चिता बनी रहती है। ड्रोन तकनीकी इससे भी निपटने में भी संभव है। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा कृषि के क्षेत्र में बेहतरी के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं, इससे किसानों को सुलभता प्राप्त हो सके।