हरियाणा में बिकी बेटी लौटी, सुनाई करुण व्यथा
संसू सिमडेगा जिला प्रशासन और विभिन्न संस्थाओं के अथक प्रयास के बावजूद भी सिमडेगा से ह्यूमन ट्र
संसू, सिमडेगा: जिला प्रशासन और विभिन्न संस्थाओं के अथक प्रयास के बावजूद भी सिमडेगा से ह्यूमन ट्रैफिकिग का कलंक नहीं मिट पा रहा है। जिसकी वजह से जिले की बच्चियां प्रताड़ित व शोषित होने को विवश हैं। जिले की नाबालिग लड़की को दूसरे शहर में बेचे जाने का नया मामला प्रकाश में आया है। नाबालिग लड़की हरियाणा से किसी तरह अपनी जान बचाकर भागती हुई गत शुक्रवार को सिमडेगा पहुंची और अपनी पीड़ा एवं शोषण की व्यथा को साझा किया। सिमडेगा पहुंचते ही इस बच्ची ने सीडब्ल्यूसी की पूर्व अध्यक्ष किरण चौधरी से फोन पर बात कर मदद की गुहार लगाई। जिसके बाद बच्ची किसी प्रकार सीडब्ल्यूसी की ऑफिस पहुंची। लड़की के हालत खराब होते देख पूर्व अध्यक्ष ने अविलंब एएचटीयू थाना को फोन कर जानकारी दी और उनके सहयोग से किसी प्रकार लड़की को सदर अस्पताल पहुंचाया। साथ ही उस लड़की का इलाज अपनी देखरेख में कराया। स्थिति थोड़ी सामान्य होने पर लड़की अपनी तकलीफ बयां करते हुए कहते हैं कि जब वह अपने घर पर थी। तो उसके नंबर पर सहयोग विलेज मतरामेटा में काम करने वाला एक आटो ड्राइवर फोन किया करता था। साथ ही कहती है वर्ष 2015-16 में होम में रहने के दौरान से वो उस उक्त लड़के को जानती है। जो उसे और होम की अन्य लड़कियों को स्कूल लाना और ले जाना किया करता था। उसने पैसे वाले के घर शादी कराने और अच्छी जिदगी का लालच दिया। जिससे वो उसके झांसे में आ गई । हालांकि सदमा के कारण लड़की आटो ड्राइवर का नाम नहीं बता पाती है। लेकिन कहती है कि वो देखने पर उसे पहचान जाएगी। लड़की बताती है कि बीते एक जुलाई को वह अपने घर से कपड़ा आदि लेकर निकली थी। जिसके पश्चात आटो ड्राइवर उसे लेकर केलाघाघ मोड़ के समीप कुलदीप नाम के युवक को बाइक और उसे सौंप दिया। जिसके बाद कुलदीप उसे ले जाकर मतरामेटा स्थित अपने घर के कमरे में बंद कर दिया। जहां पर उसने उसके साथ दुष्कर्म किया और दो दिनों पश्चात उसे लेकर हरियाणा के ले चला गया। हरियाणा पहुंचने पर कुलदीप नामक युवक ने उसके साथ जबरदस्ती शादी की । फिर उसे दूसरे के हाथों में बेचकर वापस चला लौट गया। पिता और भाई के प्यार से महरूम यह नाबलिग लड़की अपने अच्छे भविष्य की लालच में सिमडेगा से दूर परदेस को चली गयी। जहां उसके साथ कई बार मारपीट और ज्यादती की गई।जान से मारने की भी धमकी दी जाती थी।परंतु इस कैद से निकलने की उम्मीद में यह लड़की किसी प्रकार वहां से भाग निकली। और किसी तरह मदद मांग कर ट्रेन और बस के माध्यम से सिमडेगा पहुंची। ज्ञात हो कि जिले में प्रतिवर्ष सैकड़ों की संख्या में ट्रैफिकिग के मामले सामने आते हैं। जिसमें से यह पहला मामला सामने आया है।जो पूर्व में होम में रही है।सीडब्ल्यूसी के पूर्व अध्यक्ष किरण चौधरी कहती हैं कि उन्हें नाबालिग लड़की ने सिमडेगा पहुंच कर फोन किया था। जिसे वे हरसंभव मदद हेतु प्रयास कर रही है। साथ ही उन्होंने एएचटीयू थाना को भी इसकी सूचना दे दी है। वहीं होम के ऑटो ड्राइवर की संलिप्तता पर कहती है कि कुछ वर्ष पूर्व एक युवक आटो ड्राइवर का काम करता था। परंतु फिलहाल वो होम में कार्यरत नहीं है।