सामुदायिक पट्टा नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण : अनूप

सिमडेगा जिले के केरसई प्रखंड के पूर्वी टैंसेर पंचायत के मकरघरा गांव में शुक्रवार को

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 10:00 PM (IST) Updated:Sat, 19 Oct 2019 06:21 AM (IST)
सामुदायिक पट्टा नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण : अनूप
सामुदायिक पट्टा नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण : अनूप

सिमडेगा : जिले के केरसई प्रखंड के पूर्वी टैंसेर पंचायत के मकरघरा गांव में शुक्रवार को ग्रामसभा सिरयाकुस टोप्पो की अध्यक्षता में ग्रामीणों की बैठक हुई। बैठक में मुख्य रूप से वनाधिकार विषय पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में आमंत्रित झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन जनसंगठन के केरसई प्रखंड प्रभारी अनूप लकड़ा ने उपस्थित लोगों से कहा कि वनाधिकार कानून 2006 जिसे पूर्व में कांग्रेस की सरकार ने दिया था,वह आदिवासियों और जंगल में रहनेवाले अन्य परंपरागत वन निवासियों के लिए बहुत बड़ा वरदान साबित हुआ। इस कानून के तहत अब जंगल मे रहनेवालों को अधिकार स्वरूप पट्टा देने की जिम्मेदारी सरकार की है, लेकिन दुर्भाग्य अभी तक सामुदायिक पट्टा नहीं दे रही है। जंगल से आदिवासियों का लगाव हजारों साल से है,जहां-जहांआदिवासियों की जनसंख्या कम होती गई, वहां जंगल भी उजड़ते गया। इस बैठक में प्रदीप किडो, रोजालिया खाखा, मुनि देवी, दीपा देवी, डेविड तिर्की, अजीत लकड़ा, वाल्टर सोरेंग, हेमंत एक्का आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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