अपने खिलौनों को राष्ट्रीय मेले में पेश करेगी संगीता
सदर प्रखंड के खूंटीटोली की रहने वाली संगीता ने साबित कर दिया कि सिमडेगा जिला
सिमडेगा : सदर प्रखंड के खूंटीटोली की रहने वाली संगीता ने साबित कर दिया कि सिमडेगा जिला न सिर्फ हाकी बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति व उपलब्धि हासिल करने का माद्दा रखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में दिल्ली में 27 फरवरी से राष्ट्रीय खिलौना मेला की शुरुआत की गई है। राष्ट्रीय मेले में जिले की बेटी संगीता सोरेन ने भाग लेकर सिमडेगा का गौरव बढ़ाया है। अपने हाथों से बनाए गए उत्पादों को शनिवार को रांची में वर्चुअल माध्यम से संगीता ने अपने खिलौनों को प्रस्तुत किया।
वह अपनी प्रतिभा के बदौलत राष्ट्रीय खिलौना मेला के लिए चयनित हुई है। उसने दैनिक जागरण के साथ वार्ता में बताया कि वह मूल रूप से सिमडेगा के खूंटीटोली की रहने वाली है। उसने रिश्तेदार
के यहां टिस्को जमशेदपुर में रहकर खिलौना बनाना सीखा। वह
काटन एवं फर से विभिन्न जीव-जंतुओं का प्रतिरूप बनाती है। इसके अलावे वह लकड़ी व मिट्टी से भी खिलौने बनाती है। काटन व फर से टेडी बियर, मंकी, शेर आदि बनाती है जबकि मिट्टी व लकड़ी से खिलौने, पुतलियां आदि बनाती है। संगीता ने बताया कि उसके पिता जोहन सोरेंग की मृत्यु हो गई थी। घर को चलाने की पूरी जिम्मेदारी उसकी मां मारशा आशीषन बागे पर आ गई । ऐसी प्रतिकूल परस्थितियों में उसने कुछ अलग करने की ठानी। संगीता ने कहा कि झारखंड में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक गरीबी है। जहां काम के लिए लोग पलायन करते हैं। जबकि झारखंड में हुनर तथा संभावनाओं की कोई कमी नहीं है। इसी को देख उन्होंने सविता ट्राईबल फुड नामक संस्था बनाकर खुद हुनरमंद बनने के साथ ही दूसरे को भी ट्रेनिग देने की कोशिश में जुट गई। इसी कड़ी में झारखंड प्रदेश के प्रचलित आहार, रहन-सहन व जीविका की दिशा में कार्य को शुरू किया। खिलौनों के साथ-साथ स्थानीय खाद्य पदार्थ धुस्का,
पीठा रोटी,छिलका रोटी,रागी से बने सामग्री का भी प्रदर्श के रूप
में प्रस्तुत किया। उसने वर्ष 2009 में रांची में लगाए गए मेला ग्राउंड में भी भाग लिया।तब उसके उत्पाद को काफी पसंद किया गया था। अब उसे राष्ट्रीय खिलौना मेला के लिए चयनित
किया गया है तो उसे काफी खुशी हो रही है।