घट पाट परंपरा के तहत लाया गया वृंदावनी घट

चड़क पूजा के घट पाट परंपरा के तहत रविवार की देर शाम वृंदावनी घट लाया गया। इस अवसर पर पाट भोक्ता माजना घाट पर पहुंचे और विधि-विधान के साथ वृंदावनी घट के लिए पवित्र जल लिया..

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 09:10 AM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 09:10 AM (IST)
घट पाट परंपरा के तहत लाया गया वृंदावनी घट
घट पाट परंपरा के तहत लाया गया वृंदावनी घट

जागरण संवाददाता, सरायकेला : चड़क पूजा के घट पाट परंपरा के तहत रविवार की देर शाम वृंदावनी घट लाया गया। इस अवसर पर पाट भोक्ता माजना घाट पर पहुंचे और विधि-विधान के साथ वृंदावनी घट के लिए पवित्र जल लिया। इसके बाद रामायण और जय श्री राम के उद्घोषणा के साथ वृंदावनी घट लेकर हनुमान व वानर सेना की वेश-भूषा के साथ प्रदर्शन किया। ऐसी मान्यता है कि हनुमान माता सीता की खोज कर व लंका दहन कर वापस भगवान श्री राम के पास लौटे थे तो इस प्रकार के नृत्य का प्रदर्शन किया गया था। वृंदावनी घट आगमन के दौरान श्रद्धालुओं ने पवित्र वृंदावनी घट का दर्शन किया। डेली मार्केट स्थित प्राचीन शिवालय पहुंचकर वृंदावनी घट स्थापित की गई। खरसावां के मोसोडीह में सरहुल महोत्सव 15 को : खरसावां के मोसोडीह स्थित सरना चौक पर 15 अप्रैल को सरहुल पर्व का आयोजन किया जाएगा। उरांव समाज सरना समिति के तत्वावधान में कोरोना गाइडलाइन का पालन कर सरहुल पर्व का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी आयोजन समिति के इंद्रजीत उरांव ने दी। उन्होंने कहा कि आयोजन में शामिल होने वाले लोग मास्क पहन कर पहुंचे और कोविड-19 के तहत राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों का अनुपालन करें। आयोजन समिति के अनुसार, सुबह साढे आठ बजे पारंपरिक तरीके से पूजा-अर्चना की जाएगी। सुबह 11.30 बजे प्रसाद वितरण होगा। इसके बाद शाम पांच बजे से सरहुल नृत्य व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। सरहुल पर्व की तैयारी पूरी कर ली गई है। दितसाही में हनुमान मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 14 को : खरसावां प्रखंड स्थित दितसाही गांव में नवनिर्मित हनुमान मंदिर की प्रतिष्ठा 14 अप्रैल को की जाएगी। कोविड-19 को लेकर सरकार की ओर से जारी किए गए निर्देशों का अनुपालन कर श्रद्धालु कलश यात्रा निकालेंगे। उसके बाद मंदिर परिसर में कलश स्थापित की जाएगी। इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चनिा कर मंदिर व बजरंगबली की मूर्ति स्थापित की जाएगी। पूजा व मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया जाएगा। मंदिर के अंदर स्थापित बजरंगबली की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा विधि-विधान के साथ की जाएगी।

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