15 दिनों के अंदर छात्र-छात्राओं का आंकड़ा ई-विद्या वाहिनी पर करें अपडेट : महमूद आलम
जिला शिक्षा अधीक्षक महमूद आलम ने सरायकेला बीईईओ को पत्र जारी कर 15 दिनों के अंदर ई-विद्या वाहिनी के तहत छात्रों का आंकड़ा अपडेट करने का निर्देश दिया है। पत्र के माध्यम से जिला शिक्षा अधीक्षक ने कहा है कि सरायकेला प्रखंड के विद्यालयों के छात्र-छात्राओं का आंकड़ा शैक्षणिक सत्र 2020-21 तक ई-विद्या वाहिनी में अपडेट नहीं किया गया है..
जागरण संवाददाता, सरायकेला : जिला शिक्षा अधीक्षक महमूद आलम ने सरायकेला बीईईओ को पत्र जारी कर 15 दिनों के अंदर ई-विद्या वाहिनी के तहत छात्रों का आंकड़ा अपडेट करने का निर्देश दिया है। पत्र के माध्यम से जिला शिक्षा अधीक्षक ने कहा है कि सरायकेला प्रखंड के विद्यालयों के छात्र-छात्राओं का आंकड़ा शैक्षणिक सत्र 2020-21 तक ई-विद्या वाहिनी में अपडेट नहीं किया गया है। जिले के अन्य प्रखंडों की तुलना में सरायकेला प्रखंड की स्थिति अत्यंत ही दयनीय है। डीएसई ने बताया कि विद्यालय स्तर पर छात्र-छात्राओं का आंकड़ा अपडेट करने का कार्य विद्यालय स्तर पर ही करना था, जिसकी मानिटरिग बीआरपी, सीआरपी व बीपीओ के स्तर से की जानी थी। इसके बावजूद विद्यालय स्तर पर अब तक छात्र-छात्राओं का आंकड़ा अपडेट नहीं किया गया। डीएसई ने पत्र में यह भी लिखा है कि छात्र-छात्राओं का आंकड़ा अपडेट से संबंधित कार्य समय पर नहीं करने के आरोप में बीईईओ, बीपीओ, बीआरपी, सीआरपी व संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के वेतन पर रोक लगा दी जाएगी। डीएसई ने यह भी बताया कि राज्य परियोजना कार्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग में बार-बार निर्देश देने के बाद भी समय पर कार्य पूरा नहीं होना स्कूल के प्रधानाध्यापकों, बीपीओ, बीईईओ, बीआरपी व सीआरपी की लापरवाही को दर्शाता है। पूजा आराधना के साथ संपन्न हुई मां गंगा पूजनोत्सव : मकर संक्रांति के अवसर पर बड़ा कांकड़ा गांव में आयोजित तीन दिवसीय मां गंगा पूजनोत्सव का रविवार को विधि-विधान के साथ समापन हुआ। इस अवसर पर नवयुवक आदिवासी कल्याण समिति बड़ा कांकड़ा व राधाकृष्ण गंगा क्लब के पूजा मंडपों में विशेष पूजा-पाठ व विश्व शांति के लिए हवन किया गया। दर्जनों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने मां गंगा की आराधना कर सुख, शांति व समृद्धि के लिए मंगलकामना की। इस अवसर पर भक्तों के बीच प्रसाद वितरण भी किया गया। समिति के सदस्यों ने बताया कि इस वर्ष सात दिवसीय पूजनोत्सव को तीन दिवसीय पूजनोत्सव कार्यक्रम में परिवर्तित किया गया था। तीन दिवसीय पूजनोत्सव के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन कर पूजा संपन्न कराया गया। इसके बाद कलश विसर्जन व भव्य शोभायात्रा के साथ मां गंगा को विदाई दी गई।