शिक्षक संघ ने मांगी वर्क फ्राम होम की इजाजत

कोरोना की दूसरी लहर के बढ़ते प्रसार को देखते हुए अब जिले के शिक्षकों ने भी वर्क फ्राम होम की इजाजत मांगी है। झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष ब्रजमोहन यादव ने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्य सचिव के आदेश से सभी स्कूल-कालेज बंद हैं..

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 08:30 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 08:30 AM (IST)
शिक्षक संघ ने मांगी वर्क फ्राम होम की इजाजत
शिक्षक संघ ने मांगी वर्क फ्राम होम की इजाजत

जागरण संवाददाता, सरायकेला : कोरोना की दूसरी लहर के बढ़ते प्रसार को देखते हुए अब जिले के शिक्षकों ने भी वर्क फ्राम होम की इजाजत मांगी है। झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष ब्रजमोहन यादव ने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्य सचिव के आदेश से सभी स्कूल-कालेज बंद हैं। आनलाइन माध्यम से पठन-पाठन का कार्य संचालित किया जा रहा है। उन्होंने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि ऐसी परिस्थिति में शिक्षकों को घर पर रहकर आनलाइन कक्षा के संचालन, ई-कंटेंट के निर्माण व आनलाइन कक्षा संचालित करने की इजाजत दी जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का प्रसार अब गांव की ओर तेजी फैल रहा है। इस कठिन परिस्थिति में सिर्फ उपस्थिति दर्ज कराने के लिए प्रतिदिन विद्यालय जाना आवश्यक प्रतीत नहीं होता। रविवार को एक ही दिन राज्य के दो शिक्षकों की कोरोना से मौत हो गई, इनमें एक शिक्षक पाकुड़ व दूसरे रांची जिला में पदस्थापित थे। इसे लेकर राज्य भर के शिक्षकों में शोक व्याप्त है। शिक्षकों के लिए स्वयं की सुरक्षा चिता का सबब बन गई है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि ऐसे हालात में शिक्षकों को जिला मुख्यालय में ही रह कर कार्य करने की अनुमति दी जाए, ताकि वे भी सुरक्षित रहें और बिना किसी दबाव के आनलाइन शिक्षण कार्यक्रम को बढ़ावा दे सकें। झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही इस मामले में उच्चाधिकारियों से मिलेगा। द्वापर युग के प्रतीक स्वरूप लाया गया गरिया-भार घट : चड़क पूजा के घट पाट परंपरा के तहत सोमवार की देर शाम गरिया-भार घट का आगमन हुआ। राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र के निदेशक गुरु तपन कुमार पटनायक के नेतृत्व में द्वापर युग के प्रतीक स्वरूप उक्त गरिया-भार घट लाया गया। इस अवसर पर पाट भोक्ताओं ने शुद्धता के साथ स्नान-ध्यान कर माजना घाट से गरिया-भार घट लेकर चले। इस दौरान घटवाली द्वारा द्वापर युग के महाभारत कथा के अनुसार भगवान श्री कृष्ण और गोपियों का वेश धारण कर नृत्य प्रदर्शन किया गया, जिसे महाभारत काल के राधाकृष्ण के अलौकिक प्रेम का प्रतीक माना जाता है। पदयात्रा के साथ घट को डेली मार्केट स्थित प्राचीन शिवालय के प्रांगण में लाकर विधि-विधान के साथ स्थापित किया गया। मंगलवार की मध्य रात्रि कलयुग के प्रतीक स्वरूप कालिका घट का आगमन होगा। बुधवार को पाट संक्रांति के साथ चड़क पूजा व घट पाट परंपरा का समापन होगा।

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