अविलंब खराब स्ट्रीट लाइट की कराएं मरम्मत : मनोज कुमार चौधरी

नगर पंचायत क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट खराब होने की शिकायत मिलने पर नगर पंचायत के उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने कार्यपालक पदाधिकारी को अविलंब खराब स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि सरायकेला नगर पंचायत क्षेत्र में खराब स्ट्रीट लाइट की मरम्मत नहीं कराई जा रही है..

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 07:30 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 07:30 AM (IST)
अविलंब खराब स्ट्रीट लाइट की कराएं मरम्मत : मनोज कुमार चौधरी
अविलंब खराब स्ट्रीट लाइट की कराएं मरम्मत : मनोज कुमार चौधरी

जागरण संवाददाता, सरायकेला : नगर पंचायत क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट खराब होने की शिकायत मिलने पर नगर पंचायत के उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने कार्यपालक पदाधिकारी को अविलंब खराब स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि सरायकेला नगर पंचायत क्षेत्र में खराब स्ट्रीट लाइट की मरम्मत नहीं कराई जा रही है। मेन रोड समेत मोहल्लों में स्ट्रीट लाइट खराब होने से अंधेरा रहता है। लाखों रुपये खर्च कर शहर की सड़कों को एलईडी से जगमग किया गया था। एक-एक कर अधिकांश स्ट्रीट लाईट खराब हो चुके हैं। शाम होते ही मेन रोड समेत कुछ गली-मोहल्लों में अंधेरा हो जाता है। स्ट्रीट लाइट लगाने वाली ईईएसएल कंपनी को तीन बार नोटिस भेजा गया। फिर भी कंपनी की ओर से मरम्मत कार्य नहीं किया जा रहा है। कंपनी ने घटिया क्वालिटी का स्ट्रीट लाइट, स्विच व तार लगा दिया है। कंपनी की ओ से शहर में लगभग तीन सौ एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाए गए हैं। स्ट्रीट लाइट लगाने के बाद कंपनी को पांच वर्षो तक मेंटेनेंस का काम पूरा करना था। परंतु संबंधित कंपनी ने एक साल भी ठीक ढंग से स्ट्रीट लाइट मेंटेनेंस का काम पूरा नहीं किया। उन्होने कार्यपालक पदाधिकारी को जल्द से जल्द स्ट्रीट लाइट मरम्मत कराने का निर्देश दिया है। बंगाली समुदाय ने धूमधाम से मनाई जमाई षष्ठी पर्व : सरायकेला में बंगाली समुदाय का लोक पर्व जमाई षष्ठी बुधवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। घर-घर में जमाई राजा की खातिरदारी हुई। बंगाली समाज की महिलाओं ने जमाई व पुत्रके दीर्घायु की कामना के लिए पीपल वृक्ष के नीचे परंपरा के अनुसार पूजा की। जमाई षष्ठी पर्व को लेकर सुहागिन महिलाएं पारंपरिक परिधान में डाला में क्षमतानुसार पूजन सामग्री फल, धूप, दीप लेकर पीपल वृक्ष के नीचे पहुंची और पूजा-अर्चना की। इससे पूर्व पीपल वृक्ष के नीचे साफ-सफाई की गई। महिलाओं ने इस उपवास रखा और पारंपरिक रीति-रिवाज से ईष्ट देव की पूजा-अर्चना की। इसके बाद घर आए जमाई का पुत्रवत स्वागत किया गया। बांग्ला संस्कृति में जमाई षष्ठी पर्व की अलग पहचान है। ज्ञात हो कि जमाई षष्ठी में भगवान षष्ठी की पूजा होती है। इसमें दामाद को भगवान का रूप दिया जाता है। ससुराल वाले दामाद के हाथ में रक्षासूत्र बांध कर उनकी लंबी आयु की कामना करते हैं। जमाई षष्ठी के दिन सास के द्वारा बेटी व दामाद की विशेष पूजा की जाती है। दही का टीका लगाया जाता है। हाथ पर पीला धागा बंधा जाता है। दामाद अपने ससुराल पक्ष के सदस्यों के लिए उपहार आदि लेकर जाता है।

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