कवियों ने किया स्व रचित कविताओं का पाठ

सिंहभूमि ओडिया कविता आसर की ओर से बुधवार को आनलाइन डिजिटल कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो (डॉ) गंगाधर पांडा व विशिष्ट अतिथि के रूप में सरायकेला राजघराने के राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव शामिल हुए..

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 08:48 AM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 08:48 AM (IST)
कवियों ने किया स्व रचित कविताओं का पाठ
कवियों ने किया स्व रचित कविताओं का पाठ

संवाद सूत्र, ्खरसावां : सिंहभूमि ओडिया कविता आसर की ओर से बुधवार को आनलाइन डिजिटल कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो (डॉ) गंगाधर पांडा व विशिष्ट अतिथि के रूप में सरायकेला राजघराने के राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव शामिल हुए। कुलपति ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से भाषा व साहित्य सशक्त होता है। राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव ने कहा कि भाषा, साहित्य व संस्कृति में ही हमारी पहचान छिपी हुई है। इस तरह के आयोजन करने की आवश्यकता है। ओड़िया भाषा विकास परिषद झारखंड के अध्यक्ष डा नागेश्वर प्रधान ने भाषा-साहित्य को बढ़ावा देने की बात कही। सरोज प्रधान ने कोरोना काल में इस प्रकार के आयोजन को सकारात्मक पहल बताई। ओड़िया कवि सम्मेलन में कविता रचना व रामा देवी महिला विश्वविद्यालय भुवनेश्वर की ओडिया प्रो हिमाद्री तनया मिश्रा, उत्कल सम्मिलनी के सरोज कुमार प्रधान, डा सुरेश चंद्र दास, प्रदीप कुमार दास, पीके नंद, कुसुम मणि दास, दिलीप प्रधान, सच्चिदानंद प्रधान, मिहिर प्रधान, डा लक्ष्मीकांत मोहंती, विनय पटनायक, डा बिन्नी सदांगी आदि शामिल हुए। कार्यक्रम में सिंहभूम के विभिन्न क्षेत्रों के कवियों के साथ-साथ ओडिशा से आए ओडिया कवियों ने भी कविता पाठ किया। कवि सम्मेलन में ओडिया कविता का पाठ करने वाले कवियों में ईचा के विष्णुपद सिंहदेव, प्रदीप नारायण सिंहदेव, जमशेदपुर के काशीनाथ गौड़, सुष्मिता पात्रा, डा उत्पल दास, मुसाबनी के शंभूनाथ सतपति, मयूरभंज (ओडिशा) के सुभाष चंद्र होता, बबीता बेहरा, मोतीलाल कर, चक्रधरपुर की सुष्मितांजलि दास, विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) की शर्मिष्ठा पेली, खरसावां के सुशील षाडं़गी, नई दिल्ली की आरती साहू, शुवेंदु प्रकाश मिश्रा, रीता रानी नंद, प्रतिभा प्रधान, सत्य पति, प्रदीप कुमार दास, सविता बाइसी, सत्य प्रकाश कर, झुना कर, तिलोत्तो दीक्षित, रचिता मोहंती, गोकुल नापित, मीनति दास, गौरी शंकर प्रधान, अनीता प्रीतम, अनली नायक, निरुपमा प्रधान, रमेश चंद्र प्रधान, संगीता प्रधान, पीताबास प्रधान, सुनीता कुमारी प्रधान, विद्यावती गिरी, अंबिका चरण दीक्षित, बिंदावती प्रधान, हिमाद्री तान्या मिश्रा समेत 40 ओडिया कवियों ने हिस्सा लिया। कवियों ने सिंहभूम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी कविताओं के माध्यम से रेखांकित किया।

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