झारखंड अलग राज्य स्थापना में आदिवासी की मुख्य भूमिका : चंपई
आदिवासी समाज की एक अलग पहचान है वह है हमारी भाषा और संस्कृति इसे अक्षुण्ण रखना जरूरी है। ये बातें आदिवासी कल्याण सह परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने कही। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर वे गम्हरिया के महुलडीह में मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि झारखंड अलग राज्य स्थापना में आदिवासी समुदाय की मुख्य भूमिका रही है..
जागरण संवाददाता, सरायकेला : आदिवासी समाज की एक अलग पहचान है वह है हमारी भाषा और संस्कृति इसे अक्षुण्ण रखना जरूरी है। ये बातें आदिवासी कल्याण सह परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने कही। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर वे गम्हरिया के महुलडीह में मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि झारखंड अलग राज्य स्थापना में आदिवासी समुदाय की मुख्य भूमिका रही है। झारखंड अलग राज्य का आंदोलन हो या स्वतंत्रता की लड़ाई, सभी में आदिवासी अग्रणी रहे हैं। चांद भैरव, सिद्धो-कान्हो, वीर बिरसा समेत कई आदिवासी नेताओं ने स्वतंत्रता आंदोलन में बलिदान दिया है। आदिवासियों ने कभी भी अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार नहीं की थी। कहा, आदिवासी समुदाय को अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए सजग रहना चाहिए। बच्चों को सामाजिक शिक्षा के साथ-साथ भाषा व संस्कृति का भी ज्ञान देना चाहिए। कहा, राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार काम कर रही है। आदिवासियों के हित में कई योजनाएं चलायी जा रही हैं। आज हम सभी शहरों की चकाचौंध में खो गए हैं। इसलिए अपनी सभ्यता-संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। आदिवासी प्रकृति के पुजारी हैं। उन्होंने हर आदिवासी को पौधारोपण करने की बात कही। मौके पर झामुमो प्रखंड अध्यक्ष सोनराम बोदरा समेत कई उपस्थित थे।