भारतीय आदिवासी भूमिज समाज ने द्वितीय टॉपर को किया सम्मानित
रविवार को भारतीय आदिवासी भूमिज समाज की ओर से मैट्रिक की परीक्षा में जिले में द्वितीय टॉपर रहे दीपक सिंह सरदार को सम्मानित किया गया। समाज के जिलाध्यक्ष सोनू सरदार के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल गम्हरिया प्रखंड के निश्चिंतपुर स्थित दीपक के आवास पहुंचे और उन्हें भूमिज भाषा एवं संस्कृति से जुड़ी किताब और पुष्पगुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया..
जागरण संवाददाता, सरायकेला : रविवार को भारतीय आदिवासी भूमिज समाज की ओर से मैट्रिक की परीक्षा में जिले में द्वितीय टॉपर रहे दीपक सिंह सरदार को सम्मानित किया गया। समाज के जिलाध्यक्ष सोनू सरदार के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल गम्हरिया प्रखंड के निश्चिंतपुर स्थित दीपक के आवास पहुंचे और उन्हें भूमिज भाषा एवं संस्कृति से जुड़ी किताब और पुष्पगुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर समाज के प्रदेश अध्यक्ष जयसिंह भूमिज ने कहा कि दीपक की सफलता सिर्फ जिला ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए गौरव की बात है। आर्थिक तंगी और विपरीत परिस्थितियों में भी दीपक ने सफलता का परचम लहराया है। अन्य छात्रों के लिए वे प्रेरणा का विषय है। जिलाध्यक्ष सोनू सरदार ने दीपक की लगन व निष्ठा से प्रभावित होकर इंटरमीडिएट की पढ़ाई का पूरा खर्चा वहन करने की घोषणा की। कहा, गरीबी व आर्थिक तंगी के कारण समाज के किसी मेधावी छात्र की पढ़ाई में किसी प्रकार की बाधा न आए, इसके लिए भारतीय आदिवासी भूमिज समाज सहयोग के लिए सदैव तत्पर है। उन्होंने कहा कि सरकार को भी ऐसे छात्रों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल में लेखक सह भूमिज ट्राइबल काउंसिल के सचिव युधिष्ठिर सरदार, एलआइसी के प्रशासनिक अधिकारी जन्मेजय सरदार, समाज के प्रदेश सचिव मेयालाल सरदार, माणिक सरदार, कालीचरण सरदार, गोपाल सरदार, पागा सरदार, विष्णु सरदार, राजू सरदार, तरुण सरदार, बलराम सरदार एवं शत्रुघ्न सरदार उपस्थित थे। खरसावां के बड़ाबांबो में 72वां वन महोत्सव आज : वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से सोमवार को खरसावां के बड़ाबांबो स्थित प्लस टू प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय परिसर में 72वां वन महोत्सव मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि विधायक दशरथ गागराई शामिल होंगे। साथ ही वन विभाग के पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे। वन क्षेत्र पदाधिकारी आदित्य नारायण ने बताया कि वन महोत्सव के आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों में वन व पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता लाना है। प्रकृति का सृजन उत्सव पूरे उत्कर्ष पर है। पर्यावरण संरक्षण में जन भागीदारी आवश्यक है।