बतख पालन से आत्मनिर्भर बनें किसान : धार्मा मुर्मू
सरकार के कल्याण विभाग (आइटीडीए) की ओर से मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत शनिवार को राजनगर में 32 लाभुकों के बीच बतख चूजों का वितरण किया गया।
राजनगर (सरायकेला) : सरकार के कल्याण विभाग (आइटीडीए) की ओर से मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत शनिवार को राजनगर में 32 लाभुकों के बीच बतख चूजों का वितरण किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक प्रतिनिधि धार्मा मुर्मू, प्रभारी कल्याण पदाधिकारी जगबंधु महतो एवं पशुपालन पदाधिकारी डा शैलेन्द्र कुमार उपस्थित थे। धार्मा मुर्मू बतख चूजों का वितरण किया गया। मौके पर कहा कि हेमंत सरकार बेरोजगार युवाओं, विधवा महिलाओं को अनुदान पर बतख, ब्रायलर एवं गो पालन के लिए पशुधन दे रही है, ताकि स्वरोजगार से जोड़ा जा सके। बतख पालन आमदनी का एक अच्छा स्त्रोत है। इससे किसान समृद्ध बन सकते हैं। वहीं कल्याण पदाधिकारी जगबंधु महतो ने बताया कि सरकार के कल्याण विभाग की ओर से शत प्रतिशत अनुदान पर प्रत्येक लाभुक को 15 बतख चूजे दिए जा रहे हैं। लाभार्थी पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 के हैं। जिसमें कुल 51 लाभुकों का बतख चूजा पालन के लिए चयन हुआ है। पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शैलेन्द्र ने लाभुकों से चूजों को कुछ दिन अलग में रखकर अच्छी तरह से देखभाल करने का परामर्श दिया। फिलहाल खराब मौसम के चलते ठंड से बचाने एवं धूप खिलने के बाद ही पानी में छोड़ने का सलाह दिया। कहा कि पशुपालन विभाग की ओर से भी योग्य लाभुकों को बतख, ब्रायलर चूजा एवं बकरी पचास से नब्बे प्रतिशत अनुदान पर दिया जाएगा।
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ग्रामीण श्रमिक जागरूक होकर आगे बढ़ें : आरके गोप
जासं, सरायकेला : राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड क्षेत्रीय निदेशालय जमशेदपुर के तत्वावधान में खरसावां प्रखंड के बुड़ुघुटु स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में आयोजित दो दिवसीय असंगठित श्रमिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शनिवार को समापन हुआ। समापन सत्र में बोर्ड के वरिष्ठ शिक्षा पदाधिकारी राज किशोर गोप ने श्रमिकों के सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति पर कहा कि जानकारी के अभाव में सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हैं। मुख्य वजह श्रमिकों के मध्य अशिक्षा है। बोर्ड पूरे देश में संगठित, असंगठित तथा ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत लगभग 50 करोड़ श्रम बल को जागरूक कर उन्हें जोड़ने को सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने श्रमिकों को जागरूक होकर आगे बढ़ने का आह्वान किया। आगाह किया कि कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ है। कार्यक्रम का संचालन बोर्ड के कार्यक्रम समन्वयक हेमसागर प्रधान ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में बुरुघुटु के ग्राम प्रधान हिमांशु प्रधान, ललिन लोहार, जितेंद्र प्रधान, आशीष प्रमाणिक, राकेश प्रमाणिक व छोटेराम लेयांगी का सराहनीय योगदान रहा।