अपशकुन से बचने के लिए बच्ची संग कराई कुत्ते की शादी

marriage. झारखंड के सरायकेला में अपशकुन से बचने के लिए बच्ची संग कुत्ते की शादी कराई गई।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Mon, 21 Jan 2019 01:31 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jan 2019 01:37 PM (IST)
अपशकुन से बचने के लिए बच्ची संग कराई कुत्ते की शादी
अपशकुन से बचने के लिए बच्ची संग कराई कुत्ते की शादी

जागरण संवाददाता, सरायकेला। देश में अलग-अलग संस्कृति व परंपराएं हैं। सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में अंधविश्वास का। गम्हरिया के साहिबगंज पोड़ाडीह गांव में धार्मिक अनुष्ठान के साथ एक बच्ची की शादी कुत्ते से कराई गई। आदिवासी समाज में बच्चे-बच्चियों की दीर्घायु एवं मंगल कामना के लिए माघे पर्व पर कुतिया व कुत्ते के साथ शादी कराने की परंपरा आज भी बरकरार है। इसे आस्था के साथ निभाया जाता है।

अगर किसी बच्चे या बच्ची का दसवें माह में ऊपरी जबड़ा में दांत निकलता है तो उसे परिजन अपशकुन मानते हैं। अपशकुन काटने के लिए बच्चा है तो कुतिया के साथ और अगर बच्ची है तो कुत्ते के साथ शादी कराई जाती है। लोगों में आस्था है कि कुत्ता-कुतिया के साथ विवाह कराने पर बच्चा एवं बच्ची का सभी प्रकार के अनिष्ट कट जाते हैं। धार्मिक अनुष्ठान के साथ शादी की सारी रश्में पूरी की जाती है। कोई कुत्ते का बाप बनता है। इसके बाद कुत्ते की बारात लेकर बच्ची के घर पहुंचता है। बच्चे की शादी में कुतिया के घर बारात जाती है। वहां कोई बाप बनकर कुतिया का कन्यादान करता है। शादी के बाद भोज का भी आयोजन किया जाता है।

साहिबगंज व पोड़ाडीह में रविवार को माघे पर्व मनाया गया। इसमें इसी परंपरा को लेकर साहिबगंज के प्रकाश सुरेन की एक वर्षीय बेटी सुरती का विवाह पोड़ाडीह के बीरू पूर्ति के कुत्ते के साथ कराया गया। विवाह के बाद वर-वधू का गाजे-बाजे के साथ बारात निकाली गई। बीरू पूर्ति ने कहा कि अब प्रकाश सुरेन के परिवार के साथ उनके परिवार का रिश्ता बन गया। इसके अलावा यहां एक और बच्ची की शादी कुत्ते के साथ कराई गई। साहिबगंज व पोड़ाडीह में दिन भर शादी का माहौल रहा। 

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