सिनियर क्रिकेटर मृणाल के निधन पर शोक की लहर

संवाद सहयोगी साहिबगंज सीनियर क्रिकेटर व संतजेवियर स्कूल के शिक्षक 54 वर्षीय मृणाल जोरदार

By JagranEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 11:12 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 11:12 PM (IST)
सिनियर क्रिकेटर मृणाल के निधन पर शोक की लहर
सिनियर क्रिकेटर मृणाल के निधन पर शोक की लहर

संवाद सहयोगी, साहिबगंज: सीनियर क्रिकेटर व संतजेवियर स्कूल के शिक्षक 54 वर्षीय मृणाल जोरदार उर्फ बापी दा का रविवार को ह्दय गति रुकने से निधन हो गया। वह घर का काम करवा रहे थे। तभी चक्कर आने पर गिर गए। पुत्र गौरव उन्हें सदर अस्पताल ले गए। चिकित्सकों में उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके निधन से साहिबगंज क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गयी है। सूचना मिलते ही जेएससीए सदस्य चंदेश्वर प्रसाद सिन्हा, मो अशफाक, राकेश गुप्ता, सतीश सिन्हा, रब नवाज आलम ने मृणाल जोरदार के घर पहुंच शोक संतप्त परिवार को ढांढ़स बंधाया। •िाला क्रिकेट संघ सचिव अंकुर सिन्हा, अमित तिवारी, चतुरानंद पांडेय, सुरेश प्रसाद साह, राष्ट्रीय एथलेटिक्स कोच योगेश प्रसाद यादव, मो बिलाल, रविन्द्र कुमार, गोपाल, रिजवान, सनाउल्लाह, सादात, पूर्व क्रिकेटर जयकिशन शर्मा, संजय सिन्हा, सतीश झा, चंद्रजीत सिंह, अनांद वर्धन, विप्लव पाल, रामकिशन महतो, आदित्य सिंह, भगलपुर के छोबाय दा सहित दर्जनों ने शोक व्यक्त किया है। 1996 में बतौर शिक्षक संत जेवियर स्कूल में पदस्थापित होने के बाद स्कूल में स्पो‌र्ट्स को नई नया जीवन दिया। मृणाल जोरदार ने रेस्ट बिहार (रणजी ट्राफी ट्रायल), हेमंस ट्रॉफी व बिहार, बंगाल व झारखंड में कई क्रिकेट टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन किया। फिलहाल यूथ क्रिकेट क्लब से जुड़ कर खेल रहे थे। फादर हिलेरी डिसूजा, सिस्टर ग्रेसी, अशोक कुमार तिवारी, संजय पांडेय, कुणाल पाठक, सर रेनी, दीपांकर, रवि राय, बेन जॉनसन, अनुराग, हिदी मीडियम के इग्नेशियस लकड़ा, फादर मिल्की, सर जेम्स, सर बेन जॉनसन, आशीष रंजन व अन्य ने शोक व्यक्त किया।

खाद्य आयोग के अध्यक्ष ने जताया शोक

संवाद सहयोगी, साहिबगंज : झारखंड खाद्य आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी ने मृणाल जोरदार के निधन पर दुख प्रकट किया। कहा कि बप्पी दा के साथ खेल के मैदान और बाहर बिताए गए पल स्मृति पटल पर अंकित हो रहा है। वह बेहद प्रतिभावान मृदुभाषी व अपने जूनियर खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने वाले बप्पी दा इतनी जल्दी आउट हो जाएंगे कभी सोचा भी नही था। उन्होंने अपनी मेहनत से साबित कर दिखाया था कि खुद पर विश्वास हो तो बगैर संसाधन भी अपना लोहा मनवाया जा सकता है।

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