प्रदूषण मापक यंत्र नहीं लगाने वालों को सीटीओ नहीं

जागरण संवाददाता साहिबगंज जिले में पत्थर खदान क्रशर गोदामों व अन्य कारणों से लगातार बढ़

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 11:35 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 11:35 PM (IST)
प्रदूषण मापक यंत्र नहीं लगाने वालों को सीटीओ नहीं
प्रदूषण मापक यंत्र नहीं लगाने वालों को सीटीओ नहीं

जागरण संवाददाता, साहिबगंज : जिले में पत्थर खदान, क्रशर, गोदामों व अन्य कारणों से लगातार बढ़ रहे प्रदूषण से प्रदूषण नियंत्रण पर्षद चितित है। लगातार इसमें कमी लाने की कवायद की जा रही है। इस क्रम में पिछले दिनों कुछ होटल व रेस्टोरेंट संचालकों को नोटिस देकर प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के मानकों को पूरा करने को कहा गया था। अब 500 टन प्रतिदिन क्षमता वाले क्रशर को प्रदूषण मापक यंत्र (पीएम टेन) लगाने का निर्देश दिया गया है। वैसे यह निर्देश पूर्व में भी दिया गया था, लेकिन करीब दो दर्जन क्रशर में से आठ-दस ने ही यह यंत्र लगवाया। अब विभाग सख्ती के मूड में है। अब यंत्र नहीं लगानेवाले के सीटीओ (संचालन की सहमति) नहीं दी जाएगी। इस यंत्र से प्रदूषण के स्तर का पता विभाग को चलते रहता है। वैसे जिन लोगों ने यह यंत्र लगवाया है वह भी इसका संचालन नियमित रूप से नहीं करते हैं। ऐसे में मशीन बंद करनेवाले लोगों पर भी विभाग सख्ती के मूड में है। उनपर भी जुर्माना लगाया जा सकता है। मिर्जाचौकी में एक भी क्रशर संचालक ने यह यंत्र नहीं लगवाया है।

इन क्रशरों में लगा यंत्र : महादेवगंज के श्री श्याम स्टोन व‌र्क्स व ज्योति क्रिएटर्स तथा बरहड़वा में अंबिका स्टोन की दो यूनिट, सुनील कुमार स्टोन व‌र्क्स, रिप्ले स्टोन, भगवान भगत, प्रकाश केडिया व दो अन्य लोगों के प्लांट में ही अब तक यह मशीन लग पायी है। कई बड़े क्रशर संचालक इसे नहीं लगा रहे हैं। उन्हें डर है कि मशीन लगाने से उनकी पोल खुल जाएगी। ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सख्ती के मूड में है। एनजीटी की टीम भी शीघ्र ही यहां आनेवाली है। ऐसे में विभाग भी रिस्क लेने को तैयार नहीं है।

ट्रकों में जीपीएस भी अनिवार्य करने की तैयारी : खनन विभाग बालू व पत्थर ढोनेवाले वाहनों में भी अब जीपीएस अनिवार्य करने की तैयारी में है। इससे राजस्व की चोरी रुकेगी। वैसे करीब डेढ़ साल पूर्व ही विभाग ने इस संबंध में निर्देश दिया था लेकिन बाद में वह ठंडे बस्ते में चला गया। घटते राजस्व से चितित विभाग इसे अनिवार्य करने की तैयारी में है।

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500 टन प्रतिदिन से अधिक क्षमता वाले क्रशर प्लांटों में हर हाल में प्रदूषण मापक यंत्र लगाना है। ऐसा नहीं करनेवालों को अब सीटीओ नहीं दिया जाएगा। अब तक जिले में आठ-दस लोगों ने ही यह लगाया है। शीघ्र ही इसकी जांच की जाएगी।

केके पाठक, क्षेत्रीय पदाधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दुमका

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