रोजेदारों ने अदा की अलविदा जुम्मा की नमाज

संवाद सहयोगी साहिबगंज जिला मुख्यालय सहित विभिन्न प्रखंडों में शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय के ल

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 08:32 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 08:32 PM (IST)
रोजेदारों ने अदा की अलविदा जुम्मा की नमाज
रोजेदारों ने अदा की अलविदा जुम्मा की नमाज

संवाद सहयोगी, साहिबगंज : जिला मुख्यालय सहित विभिन्न प्रखंडों में शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अलविदा जुम्मा की नवाज अदा की। रोजेदारों ने नमाज अदा कर देश में अमन-चैन तथा कोरोना महामारी को खत्म करने की दुआ मांगी। देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए स्थानीय कुलीपाड़ा, एलसी रोड, सकरूगढ़, बिचला टोला सहित अन्य मस्जिदों में गाइडलाइन का पालन करते हुए काफी कम संख्या में लोगों ने नमाज अदा की। ज्यादातर रोजेदारों ने अपने अपने घरों में ही अलविदा जुम्मा की नमाज अदा की। कुलीपाड़ा मस्जिद के इमाम हाफिज अबरार हुसैन ने बताया कि देश में लगातार कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है। इसे देखते हुए रोजेदार अपने-अपने घरों में ही नमाज अदा कर रहे हैं। मस्जिदों में चार-पांच लोगों ने ही गाइडलाइन का पालन करते हुए जुम्मे की नमाज अदा की।

कोटालपोखर : बरहड़वा प्रखंड क्षेत्र के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शुक्रवार को अलविदा का जुम्मा की नमाज अदा की। मौलाना आबु ताहिर ने कहा कि अगले शुक्रवार तक ईद पर्व हो जाने की संभावना है। इस माह में मुस्लिम समुदाय के स्त्री- पुरुष, बूढ़े -जवान एवं बच्चे अपनी नेकी के लिए लगातार एक माह तक धूप व गर्मी की परवाह किए बिना अल्लाह पर भरोसा कर प्रत्येक दिन 14 घंटे का लंबा रोजा रखते हैं। अल्लाह से गुजारिश करता हूं कि उसे नेकी व बरकत प्रदान करें। अलविदा के जुम्मा के नमाज में अल्लाह से कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए दुआ की। इधर, अब्दुल गफुर, मो. इकबाल अंसारी, वसीम अख्तर, कमील अहमद, मो. जब्बार शेख, हजरत अली, अहादक हुसैन, नसीम अख्तर, मो. हेजाज, नबीद अंजुम, मो. सफातुल्ला, रबिउल इस्लाम सहित अन्य दर्जनों मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अलविदा जुम्मा की नमाज अदा की।

मिर्जापुर : जुमे की नमाज को संबोधित करते हुए मौलाना शाकिर अली ने बताया कि रमजान महीने का शाब्दिक अर्थ यही है कि इंसान अपनी इच्छा को त्याग कर अल्लाह के सामने समर्पण कर दे और अपने अंदर की तमाम बुरी आदतों से परहेज कर आत्मा की शुद्धि प्राप्त करें। उन्होंने बताया कि हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम ने फरमाया है कि जो शख्स अपने अंदर की तमाम बुराइयों को त्याग कर हलाल कमाई खाकर दिनभर रोजा रखा अल्लाह के भेजे हुए कलाम कुरान मजीद की तिलावत की चुगलखोरी एवं बुरी आदतों से परहेज किया, गरीब गुरबा में दान खैरात किया, अपने गुनाहों से तौबा किया यानी अपने आप को पूरी तरह से अल्लाह के सामने समर्पण किया तो अल्लाह ताला उसके गुनाहों को बख्श देगा। बशर्ते कि वह दोबारा पूर्व की तरह हरकत ना करे। उन्होंने उन्होंने इस माह के बाकी बचे रोजे को भी अच्छे ढंग से रखने की ताकीद करते हुए जुमे की खुदवा की समाप्ति की।

बोरियो में भी अदा की गई नमाज

बोरियो : मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने अपने घरों में शुक्रवार को अलविदा जुम्मे की नमाज अदा की। मो. सुल्तान आलम ने बताया कि इस्लाम में मान्यता है कि अलविदा जुम्मे की नमाज में दिल से दुआ मांगने पर जायज दुआ कुबूल होती है। उन्होंने कहा कि मुल्क की बेहतरी के लिए कोरोना महामारी से लोगों की बेहतरी के लिए दुआ मांगी गई। मो. गफ्फार अंसारी, मो कैश अंसारी ने बताया कि अलविदा जुम्मे की नमाज अदा की गई। मुल्क की बेहतरी के लिए दुआ मांगी गई।

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