हाथी के डर से रातभर जगे रहे ग्रामीण
संवाद सहयोगी कोटालपोखर (साहिबगंज) जंगली हाथी के भय से गुरुवार की रात कोटालपोखर थाना
संवाद सहयोगी, कोटालपोखर (साहिबगंज) : जंगली हाथी के भय से गुरुवार की रात कोटालपोखर थाना क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोग सो नहीं पाए। रात नौ बजे के करीब अफवाह उड़ी कि हाथी लौटकर मयूरकोला पहाड़ पहुंच गया है तो कुछ लोगों का कहना था कि फुलचुवां काजू बगान में उसे देखा गया है। वैसे फिलहाल हाथी जिले की सीमा से निकल चुका है। उधर, हाथी के पुन: लौटकर आने की खबर से कोटालपोखर थाना क्षेत्र के मयूकोला, विजयपुर, फुलचुवां, भदयटांड़, पथरिया, बासुटोला, फतेहपुर, पीपलजोड़ी, पलासबोना, डोमपाड़ा, जामबाद, अंगुठिया, असिला, निश्चितपुर सहित दर्जनों गांव के लोग रातभर जागते रहे। गुरुवार को पाकुड़ जिला से कोटालपोखर थाना क्षेत्र में पहुंचे एक जंगली हाथी ने बेलपहाड़ी गांव के 55 वर्षीय सोम मरांडी, डोमपाड़ा गांव के 15 वर्षीय इस्मारूल रहमान तथा पश्चिम बंगाल के फरक्का थाना क्षेत्र के चांदौड़ गांव के 22 वर्षीय राजकुमार तुरी की जान ले ली थी। एक दिन में तीन-तीन लोगों की मौत से कोहराम मच गया। इधर, वन प्रमंडल पदाधिकारी मनीष तिवारी ने कहा कि दो-तीन दिन पहले ही जिले के लोगों को सूचित कर दिया गया था कि पाकुड़ से एक हाथी जिले की सीमा में प्रवेश कर गया है। इसलिए लोग सावधान रहें। हाथी जिस रास्ते से आता है। उसी रास्ते से वापस भी लौटता है। इसलिए हाथी का रास्ता छोड़ दें। हाथी के पीछे कभी नहीं जाएं। हाथी के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ न करें। हाथी एक समझदार जानवर है। जल्दी किसी को हानि नहीं पहुंचाता है। भूख लगने पर घर में घुस कर अनाज या खेतों में लगी फसल खा सकता है। लोग घर व फसल की चिता न करें। हाथी से अपने जान माल का सुरक्षा करें। हाथी से होने वाले नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा।