गुरु-शिष्य परंपरा को पुनर्जीवित करने की जरूरत

संवाद सहयोगी राजमहल गुरु पूर्णिमा पर शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राजमहल इकाइ

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 04:25 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 04:25 PM (IST)
गुरु-शिष्य परंपरा को पुनर्जीवित करने की जरूरत
गुरु-शिष्य परंपरा को पुनर्जीवित करने की जरूरत

संवाद सहयोगी, राजमहल : गुरु पूर्णिमा पर शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राजमहल इकाई ने सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में गुरु दक्षिणा कार्यक्रम का आयोजन किया। प्रारंभ में गुरु स्वरूप भगवा ध्वज का पूजन कर महर्षि वेदव्यास को पुष्प अर्पित किया।

इसमें जिला संपर्क प्रमुख डा. सुरेंद्र नाथ तिवारी ने भारत की सनातन संस्कृति एवं गुरु शिष्य परंपरा के संदर्भ में जानकारी दी। डॉ तिवारी ने अपने बौद्धिक में गुरु भक्त आरूणी, चंद्रगुप्त मौर्य एवं चाणक्य, महर्षि दांडायण, गुरु गोविद सिंह एवं कई अन्य गुरुओं के महत्व और उनके कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आज इतिहास की पुस्तकों में भारतीय संस्कृति की महत्ता नहीं मिलती है। इसके चलते हमें गलत ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर ही अपने शिक्षण कार्य को पूरा करना पड़ रहा है, जो सही नहीं है। हमें आगे आना होगा तथा सनातनी भारतीय गुरु-शिष्य परंपरा को पुनर्जीवित करना होगा। स्वयंसेवकों ने कोरोना गाइडलाइन के अनुरूप गुरु दक्षिणा कार्यक्रम में हिस्सा लेकर भगवा ध्वज के प्रति समर्पण व्यक्त किया। मौके पर नगर कार्यवाह कुमुद राय, नीरज घोष, कालीचरण मंडल, मनोज साहा, आदित्य राय, मिठुन पांडे, गगन बापू, संजीव झा, किशोर जैन, भूदेव कुमार, उज्जवल मंडल, पंकज घोष, आलोक राय, संजय प्रमाणिक, उत्तम सिन्हा, संजीव झा, रेखा देवी आदि मौजूद थे।

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