मां का कपाट खुला, दर्शन को पहुंचे श्रद्धालु

संवाद सहयोगी साहिबगंज चैत नवरात्रि के सातवें दिन सोमवार को पूजा पंडालों में कालरात्रि की

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 05:08 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 05:08 PM (IST)
मां का कपाट खुला, दर्शन को पहुंचे श्रद्धालु
मां का कपाट खुला, दर्शन को पहुंचे श्रद्धालु

संवाद सहयोगी, साहिबगंज : चैत नवरात्रि के सातवें दिन सोमवार को पूजा पंडालों में कालरात्रि की पूजा की गई। इसके साथ ही पूजा पंडाल आम लोगों के दर्शन के लिए खोल दिया गया। इसके बाद मां का दर्शन करने के लिए एक-एक कर श्रद्धालु पूजा पंडालों में पहुंचने लगे। कोरोना संक्रमण के डर से इस बार बिना किसी तामझाम के पूजा की जा रही है। इसके बाद भी श्रद्धालुओं में उत्साह में कोई कमी नहीं है। या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता के मंत्रोच्चार से पूजा पंडाल गूंज रहे हैं।

जिला मुख्यालय के सकरूगढ़, रसूलपुर दहला व चौक बाजार में दुर्गा पूजा की जा रही है। चैती दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष हेमंत कुमार ने बताया कि इस बार कोविड-19 महामारी को देखते हुए साधारण तरीके से पूजा की जा रही है। सभी सरकारी गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है। पूजा करने के लिए मंदिर प्रांगण आनेवाले लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। शारीरिक दूरी का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। पूजा कमेटी के सदस्य अमित कुमार ने बताया कि मंगलवार को महाअष्टमी का पूजन होगा। शाम सात बजे निशा पूजा व 21 को नवमी पूजा होगी। 22 की सुबह में कलश विसर्जन किया जाएगा 23 अप्रैल को सुबह दस बजे प्रतिमा विसर्जन के लिए प्रस्थान करेगी। विसर्जन में भी सिर्फ कमेटी के कुछ सदस्य शामिल होंगे। उधर, बरहड़वा बिदुधाम स्थित बिदुवासिनी मंदिर में पुरोहित मनोज झा ने मां कालरात्रि की पूजा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विधिवत की। मां की पूजा अर्चना से क्षेत्र में भक्ति का महौल बना हुआ है. पूजा कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष दिलीप डोकानिया, कोषाध्यक्ष रघुवीर पटवारी, सह कोषाध्यक्ष मनोज अग्रवाल, यज्ञ प्रभारी घनश्याम शर्मा, मेला सचिव चांद सोरेन सहित कमिटी के सभी सदस्यों ने सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

मां के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा : मान्यता है कि मां के सांतवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा करने से मां अपने भक्तों को काल से बचाती हैं। अर्थात उनकी अकाल मृत्यु नहीं होती। इन्हें सभी सिद्धियों की भी देवी कहा जाता है, इसीलिए सभी तंत्र मंत्र के उपासक इस दिन इनकी विशेष रूप से पूजा करते हैं। इनके नाम के उच्चारण मात्र से ही भूत, प्रेत, राक्षस, दानव और सभी पैशाचिक शक्तियां भाग जाती हैं।

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