नौकरी छूटी तो खोल ली हार्डवेयर की दुकान

चंद्रशेखर प्रमाणिक साहिबगंज कोरोना महामारी ने सब कुछ अस्त-व्यस्त कर दिया। कई की नौकरी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 07:03 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 07:03 AM (IST)
नौकरी छूटी तो खोल ली हार्डवेयर की दुकान
नौकरी छूटी तो खोल ली हार्डवेयर की दुकान

चंद्रशेखर प्रमाणिक, साहिबगंज: कोरोना महामारी ने सब कुछ अस्त-व्यस्त कर दिया। कई की नौकरी छूट गई। कुछ लोग इसका गम मना रहे हैं तो कुछ लोगों ने बीच रास्ता निकाल लिया। वर्तमान वैश्विक परिस्थिति में कम आय में ही अपना गुजर-बसर कर रहे हैं, लेकिन परिवार के साथ रहने की वजह से खुश हैं। इन्हीं में एक हैं कुलीपाड़ा निवासी मो. शदाब मेंहदी। पेशे से इंजीनियर शदाब अल्फला इंजीनियरिग कॉलेज फरीदाबाद से बीटेक करने के बाद कतर में मक-दम हॉलडिग ग्रुप में बतौर प्रोजेक्ट इंजीनिय नौ साल से काम कर रहे थे। 1.60 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता था। दो फरवरी 2020 को छुट्टी लेकर घर आए। चार अप्रैल 2020 को कंपनी में पुन: ज्वाइन करना था, लेकिन देश में लगे लॉकडाउन की वजह से वहां नहीं पहुंच सके। इस वजह से कंपनी ने उनकी जगह किसी और को रख लिया।

ऐसे में शदाब के समक्ष जीवन-यापन एक समस्या बन गइ। उन्हें कोई राह नहीं दिखाई दे रहा था। काफी सोच विचार के बाद जून 2020 में अपने घर में ही हार्डवेयर की दुकान खोल ली। वर्तमान में 14-15 हजार रुपये प्रतिमाह की आय हो जाती है। उन्हें उम्मीद है कि धीरे-धीरे इसमें वृद्धि होगी।

वह कहते हैं कि कोई भी समस्या आए तो घबराना नहीं चाहिए। अल्लाह पर भरोसा रखकर विवेक से काम लेना चाहिए। उन्होंने भी यही किया। देश में दोबारा आयी कोरोना महामारी के बाद एक बार पुन: लोगों का पलायन शुरू हो चुका है। ऐसे में वह कहते हैं कि अगर दुबारा गया होता तो पुन: लौटना पड़ता। वर्तमान में आय कम होती है लेकिन परिवार के सभी सदस्य कम से कम साथ तो हैं। शदाब के परिवार में पत्नी व दो बच्चे हैं। बच्चे अभी छोटे हैं। चार भाइयों में वे दूसरे नंबर पर हैं। बड़ा भाई यूके में हैं। तीसरे भाई की कपड़े की दुकान है तो चौथा एक प्राइवेट कॉलेज में व्याख्याता है।

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