बालू मक्खी के काटने से होता कालाजार

कालाजार मादा बालू मक्खी के काटने से फैलने वाली बीमारी है। कालाजार सामान्यता गंदे एवं नमी वाले इलाकों तथा कच्चे घरों में रहने वाले लोगों में अधिक पाया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 09:18 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 09:18 PM (IST)
बालू मक्खी के काटने से होता कालाजार
बालू मक्खी के काटने से होता कालाजार

फोटो 28

संवाद सहयोगी, उधवा (साहिबगंज) : प्रखंड सभागार में सोमवार को कालाजार से बचाव संबंधी जन जागरूकता के लिए प्रशिक्षण का आयोजन बीडीओ राहुल देव की अध्यक्षता में किया गया। इसमें जेएसएलपीएस से जुड़ी दीदीयों ने भाग लिया।

प्रभारी डा. खालिक अंसारी ने कहा कि कालाजार बीमारी है। इसके लक्षण को कैसे पहचान सकते हैं, इससे संबंधित जानकारी दीदीयों को दी। उन्होंने बताया कि कालाजार मादा बालू मक्खी के काटने से फैलने वाली बीमारी है। कालाजार सामान्यता गंदे एवं नमी वाले इलाकों तथा कच्चे घरों में रहने वाले लोगों में अधिक पाया जाता है। इस रोग के कारण बुखार के साथ-साथ रोगी के हाथ पैर पेट एवं चेहरे का रंग भूरा, काला हो जाता है। बीडीओ राहुल देव ने कालाजार की रोकथाम तथा प्रचार प्रसार करने के लिए जेएसएलपीएस से प्रत्येक पंचायत में दो सक्रिय महिलाओं को चयनित किया गया है। ये महिलाएं अपने-अपने पंचायत भ्रमण कर कालाजार से संबंधित रोगियों की पहचान करेंगी। मौके पर एमटीएस अनिल पाल, अतुल कुमार, बीपीएम राहुल वर्मा, रमेश हेंब्रम, सुनीता मुर्मू, पृथ्वीराज, हुमायूं मियां, अनंत कुनाई, तरेषा मुर्मू, पोपी देवी, रीता देवी, शबनम मुस्तरी, आयशा परवीन, सीमा खातून, सुशीला महोली आदि थे।

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