संयुक्त परिवार व प्रकृति का सबसे बड़ा औषधि

संवाद सहयोगी साहिबगंज राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में शनिवार को कोविड 19 महामारी म

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 07:24 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 07:24 PM (IST)
संयुक्त परिवार व प्रकृति का सबसे बड़ा औषधि
संयुक्त परिवार व प्रकृति का सबसे बड़ा औषधि

संवाद सहयोगी, साहिबगंज : राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में शनिवार को कोविड 19 महामारी में संयुक्त परिवार की महत्व विषय पर ऑनलाइन परिचर्चा हुई। एनएसएस के नोडल पदाधिकारी डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी संकट में संयुक्त परिवार व प्रकृति बड़ी औषधि है। लोगों को इसका महत्व समझना होगा। इंटरनेट की आभासी दुनिया के इतर एक अपनेपन और सच की दुनिया है जिसे आज लोगों को आत्मसात करना होगा। कहा कि सभी लोग टीकाकरण जरूर कराएं क्योंकि कोरोना के खिलाफ जंग में आपके परिवार के पास अभी यही सबसे बड़ा हथियार है। विश्व परिवार दिवस पर यही कामना है कि सभी स्वस्थ रहें और इस मुश्किल वक्त में एक दूसरे की सहायता करते रहें। झारखंड सोशियोलॉजिकल सोसाइटी के महासचिव डॉ. एसके झा ने कहा कि संयुक्त परिवार का महत्व न सिर्फ भारतीय संस्कृति की निरंतरता को बनाए रखने में है, बल्कि किसी दुर्घटना या बीमारी अथवा शारीरिक या मानसिक कारणों से कार्य करने के अयोग्य होने पर भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। रेणु गुप्ता ने कहा कि कोरोना वायरस के इस संकट ने परिवार को विशेषकर संयुक्त परिवार को एक नया आयाम दिया है। एनएसएस वालंटियर काजल ने संयुक्त परिवार के महत्व को बताते हुए कहा कि कोरोना संकट में बहुत लोगों ने नौकरी गंवायी है। ऐसे में उसका बड़ा सहारा परिवार ही बना। संजय ठाकुर ने कहा कि व्यक्ति से परिवार, परिवार से समाज व समाज से राष्ट्र बनता है। अत: परिवार के स्वस्थ रहना अनिवार्य है। कार्यक्रम में साहिबगंज महाविद्यालय के अलावे बीएसके कॉलेज बरहड़वा, शिबू सोरेन जनजातीय कॉलेज बोरियो, दुमका, देवघर से एनएसएस छात्राएं, शिक्षक शिक्षिका ने अपनी बातें रखीं। कार्यक्रम में विनय टुडू, प्रीति भारती, प्रीति कुमारी, मो एजा•ा अंसारी, पत्रास मुर्मू, मनु, ललन कुमार पासवान ने शिरकत की।

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