संक्रमित हुए घर में कैद, बची लोगों की जान

शंकर लाल घोष कोटालपोखर (साहिबगंज) कुछ दिन पहले जिले के बरहड़वा की गिनती जिले के

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 10:13 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 10:13 PM (IST)
संक्रमित हुए घर में कैद, बची लोगों की जान
संक्रमित हुए घर में कैद, बची लोगों की जान

शंकर लाल घोष, कोटालपोखर (साहिबगंज) : कुछ दिन पहले जिले के बरहड़वा की गिनती जिले के सबसे अधिक कोरोना संक्रमित मिलने के लिए जाना जाता था, लेकिन अब स्थिति सामान्य हो गई है। सतर्कता की वजह से हालात काबू में आ गए हैं। प्रखंड मुख्यालय से लगभग 13 किमी दूर स्थित मयूरकोला पंचायत की आबादी करीब छह हजार है। इसमें मयूरकोला, दुखिया टोला, ढाटापाड़ा, बासुटोला, फुलचुवां, उरमाटोला, पीपलजोड़ी, श्यामनगर, भदयटांड़, विजयपुर आदि गांव आते हैं। इन गांवों में सबसे ज्यादा आबादी पिछड़े वर्ग की है। अनुसूचित जाति, आदिवासी, मुस्लिम एवं सामान्य वर्ग के लोग भी हैं। अधिकतर लोग दैनिक मजदूरी कर अपना जीवन-यापन करते हैं। छोटे- छोटे किसान व व्यवसायी दुकान चलाकर गुजर बसर करते हैं। पिछले माह मयूरकोला गांव के पांच लोग कोरोना संक्रमित हो गए। गांव के लोगों में कोरोना फैलने का डर सताने लगा, लेकिन संक्रमितों समझदारी दिखायी और अपने घर में ही आइसोलेट हो गए। स्थानीय चिकित्सक से इलाज शुरू कराया और ठीक भी हो गए। यहां के अधिकतर लोग गिलोय, काढ़ा और गर्म पानी का उपयोग करते हैं। मास्क लगाने के साथ साथ समय समय पर साबुन से हाथ धोने के साथ साथ सैनिटाइजर का भी प्रयोग करते हैं।

यहां के लोगों की सावधानी की वजह से वर्तमान में मयूरकोला पंचायत में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं है। लोगों का कहना है कि जब तक कोरोना की लहर समाप्त नहीं हो जाती है तब तक यह सावधानी जारी रहेगी। पिछले साल कोरोना काल में मयूरकोला, गवालपाड़ा, दुखियाटोला, वासुटोला, पीपलजोड़ी गांव में बांस का बैरियर लगा कर बाहरी लोगों का प्रवेश बंद कर दिया गया था। फिलहाल कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देख पंचायत के लोगों ने हाट बाजार जाना कम कर दिया है। घर से निकलते वक्त मास्क जरूर लगाते हैं। गांव-गांव में घूम-घूम कर बेचने वाले से सब्जी और गांव के ही दुकान से जरूरत का सामान ले रहे हैं।

संयम और सावधानी से काम लेने की जरूरत :

मयूरकोला गांव के फणीभूषण साहा ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर देश में कोहराम मचा रहा है, लेकिन मयूरकोला गांव में लोगों की सावधानी की वजह से यहां के लोग कोरोना से सुरक्षित हैं। कोरोना से बचाव का पहला अस्त्र है लोगों में जागरूकता। नारायण चंद्र साहा ने कहा कि इस समय संयम और सावधानी से काम लेने की जरूरत है। इस कोरोना काल में गांव के लोग कोरोना की जांच तो नहीं करा रहे है पर सावधानी जरूर बरत रहे हैं।

उन्होंने बताया कि मयूरकोला पंचायत में बुखार के साथ सर्दी- खांसी का लक्ष्य कई लोगो में देखा गया लेकिन दवा खाने पर सब ठीक हो गए। पंचायत में कोरोना का फिलहाल एक भी मरीज नहीं है। गांव के लोगों ने कोरोना को एक डर के रूप में लिया और इस बीमारी को दूर रखने के लिए जो भी बन सका किया। मुखिया पति तुफानी साहा ने कहा कि लोगों की जागरूक की वजह से कोरोना से एक भी व्यक्ति संक्रमित नहीं है। कोरोना की दूसरी लहर के प्रारंभ में कुछ लोगों में कोरोना का लक्षण पाया गया था जो ठीक हो गया। मयूरकोला पंचायत में तीन बार कोरोना टीकाकरण शिविर लगाया गया। लगभग 250 लोगो ने अबतक टीकाकरण कराया है। लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूक किया जा रहा है। फुलचुवां के गंगा घोष ने बताया कि यहां सब मजदूर वर्ग के लोग हैं। काम से सीधे घर लौट अपने घर पर ही रहते हैं. भीड़भाड़ में नहीं जाते हैं। गांव के सभी लोग सुरक्षित हैं। भदयटांड़ के रतन साहा, विजयपुर के कुलेश साहा ने बताया कि उनके गांव में एक भी व्यक्ति अब तक संक्रमित नहीं हुआ है। सहित अन्य लोगो ने बताया कि गांव में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं हुआ है।

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