गरीबों को नहीं मिली बकरी, बिचौलिया चर गए राशि
बरहडवा प्रखंड मुख्यालय प्रांगण में स्थित प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय के द्वारा स्वरोजगार से जुड़ने के लिए महिलाओं को बकरी पालन योजना का लाभ उपलब्ध कराना था ।जिसके तहत वर्ष 2012 में विभाग के द्वारा दर्जनों महिलाओं को दुमका ले जाकर प्रशिक्षित भी किया गया । इसके उपरांत प्रशिक्षित महिलाओं को 25 हजार एवं 50 हजार रुपया करके बकरी पालन
जागरण संवाददाता, साहिबगंज : जिले के बरहडवा प्रखंड में पशुपालन विभाग के स्वरोजगार के नाम पर दर्जनों लोगों से ठगी की गई है। राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए अनेकों महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाई जा रही है, परंतु बिचौलियों की सक्रियता और विभागीय पदाधिकारी की चुप्पी के कारण अशिक्षित एवं असहाय महिलाएं ठगी का शिकार हो रही हैं।
बरहडवा प्रखंड में पशुपालन विभाग द्वारा बकरी पालन के लिए आवंटित लाखों रुपये विभागीय पदाधिकारी, बैंक कर्मी और बिचौलिया की मिलीभगत से अवैध तरीके से निकासी कर ली गई है। पशुपालन विभाग द्वारा दर्जनों महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए सरकारी कागज में उक्त योजनाओं से अनेकों महिलाओं को लाभान्वित करने का कार्य को तो दिखा दिया गया, परंतु वास्तविकता में लाभुक महिलाओं को न तो बकरी मिली और न ही राशि। इतना ही नहीं लाभ से वंचित महिलाओं को अब पांच साल बाद न्यायालय से जारी नोटिस में बैंक से ली गई राशि को ब्याज समेत जमा करने का निर्देश भी मिला। नोटिस मिलने के बाद उन्हें पता चला कि उनके नाम से बकरी पालन के लिए आवंटित राशि बिचौलिया ने गटक ली।
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क्या है मामला
दरअसल, बरहडवा प्रखंड मुख्यालय प्रांगण में स्थित प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय द्वारा स्वरोजगार से जुड़ने के लिए महिलाओं को बकरी पालन योजना का लाभ उपलब्ध कराना था। जिसके तहत वर्ष 2012 में विभाग द्वारा दर्जनों महिलाओं को दुमका ले जाकर प्रशिक्षित भी कराया गया। इसके उपरांत प्रशिक्षित महिलाओं को 25 हजार एवं 50 हजार रुपये करके बकरी पालन के लिए सरकार द्वारा लाखों रुपया आवंटित किया गया। जिसमें पशुपालन विभाग द्वारा अनेक महिलाओं को उक्त योजना के लाभ से लाभान्वित करने का कार्य सरकारी कागज पर किया गया, परंतु अनेकों महिलाओं को इसका लाभ अबतक नहीं मिल पाया। बरहरवा प्रखंड अंतर्गत झिकटीया गांव निवासी स्व. राजकुमार महतो की पत्नी प्रमिला देवी ने भारतीय स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक को आवेदन प्रेषित कर गलत नोटिस देने की बात कही है। इसमें कहा है कि उनका बचत खाता संख्या 32370343776 है, परंतु राष्ट्रीय लोक अदालत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व्यवहार न्यायालय राजमहल द्वारा दिनांक 2 फरवरी 2017 और 9 सितंबर 2017 को जारी नोटिस मे उनका बचत खाता संख्या -35615739024, ओर बैंक द्वारा जारी नोटिस मे बचत खाता संख्या- 32686425551, अंकित है। जिस पर कहा गया है कि उन्होंने बैंक से 18 हजार 5 सौ 47 रूपये लोन लिया है। जिसे ब्याज समेत जमा करना है। प्रमिला देवी का कहना है कि न्यायालय के माध्यम से बैंक द्वारा दिए गए नोटिस मे अंकित बैंक खाता नम्बर उनका नही है। कहा कि वर्ष 2012 मे पशु पालन विभाग द्वारा बकरी पालन के लिए लोन देने के लिए उन्हें चयन किया गया था। इसमे विभाग से जुड़ा एक बिचौलिया ने उसे अपने घर बुलाकर कुछ कागज पर अंगूठे का निशान लिया था और कहा था कि उसे बाद में लोन मिलेगा। इसमें सब्सिडी का भी लाभ मिलने की बात कही गयी। बाद में कई बार पशुपालन विभाग का कार्यालय और उस बिचौलिया के घर का चक्कर काटी। परंतु हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर उसे टरका दिया जाता था। पांच साल बाद उसे नोटिस मिलती है कि उसने बैंक से लोन लिया है। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ मे कथित विचौलिया से संपर्क करने पर कहा कि गलती से नोटिस चला गया है। उसे कुछ नही होगा। सब मेल मिलाप हो जाएगा। इधर, सूत्रो कि माने तो पशु पालन विभाग द्वारा वर्ष 2012 मे बकरी पालन के लिए आवंटित सरकारी राशि से ऐसे कई ओर लाभुक भी वंचित हुए है। इसका निष्पक्ष जांच करने पर मामले का पर्दाफाश हो सकता है। क्या कहते हैं डीसी : उपायुक्त साहिबगंज संदीप ¨सह ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है। इसकी वह स्वयं जांच करवाएंगे। जांच उपरांत आगे आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।