कोरोना पर आस्था भारी, बाल गोपाल के दर्शन को उमड़ी भीड़

संवाद सहयोगी तालझारी (साहिबगंज) विश्व प्रसिद्ध कन्हैयास्थान इस्कान मंदिर में सोमवार की अर्धरा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 31 Aug 2021 10:24 PM (IST) Updated:Tue, 31 Aug 2021 10:24 PM (IST)
कोरोना पर आस्था भारी, बाल गोपाल के दर्शन को उमड़ी भीड़
कोरोना पर आस्था भारी, बाल गोपाल के दर्शन को उमड़ी भीड़

संवाद सहयोगी, तालझारी (साहिबगंज) : विश्व प्रसिद्ध कन्हैयास्थान इस्कान मंदिर में सोमवार की अर्धरात्रि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव को लेकर भक्तिमय माहौल में मनाया गया। इस दौरान कृष्ण भक्तों ने भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति को दूध, दही, घी, मक्खन, शहद एवं पंचामृत से महाभिषेक किया।

कृष्ण भक्तों ने हरे कृष्णा हरे राम शब्द से माहौल पूरा भक्तिमय बना रहा। फिलहाल पूरा देश कोविड 19 के तीसरी लहर से जूझने को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारी कर रही है। सभी लोगों को फेस मास्क लगाकर घर से बाहर निकलने एवं शारीरिक दूरी का अनुपालन करने की नसीहत बार-बार दी जाती है। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण के महाभिषेक कार्यक्रम में उमड़ी हजारों की भीड़ के आगे कोरोना के भय का असर नहीं देखा गया। बंगाल के विभिन्न हिस्सों से भी कृष्णभक्त का आगमन हुआ है। भीड़ होने के कारण न तो किसी ने शारीरिक दूरी का अनुपालन किया और न ही किसी ने फेस मास्क लगाए। यहां तक कि मंदिर प्रबंधन की ओर से भी कोविड 19 का अनुपालन कराने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। प्रशासनिक अधिकारी भी श्रद्धालुओं की भीड़ के आगे नतमस्तक नजर आए। इस तरह यदि मंदिर परिसर में उमड़ी भीड़ में से किसी एक को भी कोरोना पॉजिटिव निकली तो कोरोना की तीसरी लहर के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है। कार्यक्रम के दूसरे दिन मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के प्रतिष्ठाता ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद का जन्मोत्सव एवं नंदोत्सव भी यहां धूमधाम से मनाया गया। श्रील प्रभुपाद जी ने 1965 में इस्कॉन नामक इस संस्था की स्थापना वैष्णव धर्म का प्रचार-प्रसार विश्वभर में करने के उद्देश्य से किया था और इस उद्देश्य में प्रभुपाद जी सफल भी हुये है। इस्कान से जुड़े सभी कृष्णभक्त प्रभुपाद जी का जन्मोत्सव मनाते है। दोपहर 12 बजे श्रीप्रभुपाद की नई प्रतिमा का स्थापना भी वैदिक मंत्रोच्चारण से किया गया। इस मौके पर विशेष पूजा-अर्चना कर पुष्पांजलि अर्पित की गई तथा पंचामृत से प्रभुपाद की मूर्ति का अभिषेक किया गया। इसके बाद जिस प्रकार भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद उनके पिताजी नंद ने पूरे नंद गांव में पुत्र के जन्म की खुशी में लोगों को भोजन कराया ठीक उसी प्रकार कन्हैयास्थान मंदिर में भी भगवान श्रीकृष्ण की जन्मोत्सव की खुशी में सभी को प्रसादम वितरण किया है।

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