दिन हो या रात, पढ़ाने का जुनून रहा बरकरार

डा. प्रणेश साहिबगंज कहते हैं कि मन में अगर हौसला हो तो कोई भी काम असंभव नहीं होता

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 08:02 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 08:02 PM (IST)
दिन हो या रात, पढ़ाने का जुनून रहा बरकरार
दिन हो या रात, पढ़ाने का जुनून रहा बरकरार

डा. प्रणेश, साहिबगंज : कहते हैं कि मन में अगर हौसला हो तो कोई भी काम असंभव नहीं होता है। इसे कर दिखाया उत्क्रमित नगर पालिका कन्या उच्च विद्यालय साहिबगंज के प्रभारी प्रधानाध्यापक मो. फारूक हुसैन ने। लाकडाउन के दौरान भी उन्होंने 10वीं कक्षा की पढ़ाई की रफ्तार कम नहीं होने दी।

जूम एप के माध्यम से स्वयं तो कक्षा ली ही अन्य शिक्षकों को भी कक्षा लेने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके बेहतर परिणाम मिले। लाकडाउन में छूट मिलने पर जब बच्चों के माता-पिता काम से घर से बाहर जाने लगे तो आनलाइन कक्षा में बच्चों की उपस्थिति घटने लगी। इसका भी उन्होंने रास्ता निकाला और शाम सात बजे से पढ़ाई शुरू की। रात 10 दस बजे तक बच्चों को पढ़ाते थे। उनके कार्यों की सराहना विभाग के अधिकारी भी करते हैं। 26 जनवरी को होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में उन्हें पुरस्कृत करने की अनुशंसा जिला शिक्षा पदाधिकारी अर्जुन प्रसाद ने की है। मो. फारूक छह अगस्त 2015 से उत्क्रमित नगरपालिका कन्या उच्च विद्यालय में कार्यरत हैं। सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्ति हुई। वर्तमान में प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। मार्च के अंतिम सप्ताह में कोरोना की वजह से लाकडाउन घोषित हुआ तो बच्चों की पढ़ाई को लेकर चितित हो गए। समस्या के समाधान का उपाय खोजने लगे। इसी क्रम में जूम एप के माध्यम से मीटिग का आइडिया दिमाग में आया। सर्वप्रथम शिक्षकों के साथ मीटिग की और बच्चों को पढ़ाने के संबंध में चर्चा की। शिक्षकों व अभिभावकों का वाट्सएप ग्रुप बनाकर जूम एप के माध्यम से पढ़ाई की योजना शेयर की। लोगों ने उसकी सराहना की। इसके बाद सभी शिक्षकों ने आनलाइन क्लास लेना शुरू किया। एक दिन में तीन-तीन विषय की पढ़ाई होती थी। केंद्र सरकार द्वारा लाकडाउन में छूट देने पर कई अभिभावक अपना मोबाइल लेकर काम के लिए चले जाते थे। ऐसे में बच्चों की आनलाइन उपस्थिति कम होने लगी। इसके बाद वे स्वयं शाम में सात बजे से क्लास लेने लगे। ऐसे में उपस्थिति बढ़ने लगी। आनलाइन क्लास के बाद गृह कार्य दिया जाता था। उसे शिक्षक चेक भी करते थे। कुछ छात्रों के पास मोबाइल नहीं था। ऐसे में शिक्षकों को उनके घर भी भेजा। मो. फारूक हुसैन को इस वर्ष बेहतर परीक्षा परिणाम की उम्मीद है।

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उत्क्रमित नगरपालिका कन्या उच्च विद्यालय साहिबगंज के प्रभारी प्रधानाध्यापक मो. फारूक हुसैन ने कोरोना काल में बेहतर काम किया। अपनी ओर से पहल कर ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की। बच्चों के घर-घर गए। उन्हें सम्मानित करने के लिए उपायुक्त के यहां प्रस्ताव भेजा गया है।

अर्जुन प्रसाद, जिला शिक्षा पदाधिकारी, साहिबगंज

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