स्कूल के बगल में भी ईट भट्ठा

जिले में अवैध कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं। बिना किसी अनुमति के पूरे जिले में दो दर्जन से अधिक ईट चिमनी व अनगिनत ईट भट्ठा चल रहे हैं। करीब एक दर्जन ईट चिमनी बरहड़वा प्रखंड में हैं। इससे खेती योग्य भूमि बंजर हो गई। बाग-बगीचे बर्बाद हो गए। हद तो यह कि मध्य विद्यालय मिर्जापुर हिदी व मध्य विद्यालय सिरासिन के बगल में भी ईट चिमनी बना दी गई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 04:45 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 04:45 PM (IST)
स्कूल के बगल में भी ईट भट्ठा
स्कूल के बगल में भी ईट भट्ठा

जागरण संवाददाता, साहिबगंज : जिले में अवैध कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं। बिना किसी अनुमति के पूरे जिले में दो दर्जन से अधिक ईट चिमनी व अनगिनत ईट भट्ठा चल रहे हैं। करीब एक दर्जन ईट चिमनी बरहड़वा प्रखंड में हैं। इससे खेती योग्य भूमि बंजर हो गई। बाग-बगीचे बर्बाद हो गए। हद तो यह कि मध्य विद्यालय मिर्जापुर हिदी व मध्य विद्यालय सिरासिन के बगल में भी ईट चिमनी बना दी गई है। नवंबर-दिसंबर से लेकर अप्रैल-मई तक चिमनी में ईट पकाने का काम चलता है। इस दौरान चिमनी से छाई उड़ती है जो स्कूल कक्ष तक पहुंच जाती है। कक्षाओं में बैठकर पढ़नेवाले छोटे-छोटे बच्चे इस प्रदूषण के शिकार होते हैं। दोनों स्कूलों में एक हजार से अधिक छात्र नामांकित हैं। कोरोना की वजह से फिलहाल प्राथमिक कक्षाएं बंद हैं तथा स्कूल में खिचड़ी भी नहीं बनती है।

कोरोना से पूर्व स्कूल में जब मिड डे मील बनता था तब बच्चे खाने में चिमनी से उड़नेवाले छाई की शिकायत करते थे। स्कूल के शिक्षकों ने चिमनी संचालकों व अधिकारियों से इस बात की शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस वजह से कई बच्चों ने स्कूल आना ही छोड़ दिया। ईंट ढुलाई के लिए ट्रैक्टरों के आने-जाने से भी बच्चों को हमेशा खतरा बना रहता है। किसी भी दिन हादसा हो सकता है लेकिन अधिकारियों को इससे कोई मतलब ही नहीं है। पिछले साल कुछ ग्रामीणों ने हंगामा किया था जिसके बाद जयकिशन नामक ईंट चिमनी की ऊंचाई इस बार बढ़ायी जा रही है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग के मानकों का पालन नहीं होने से यहां समस्या और भी गंभीर होती जा रही है। बिना सीटीई दे दी गई मिट्टी काटने की अनुमति : पिछले साल जिले में 15 लोगों ने चिमनी ईंट निर्माण के लिए मिट्टी काटने की अनुमति ली थी। इसके लिए रायल्टी भी जमा की थी। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि बिना सीटीई (स्थापना की अनुमति) के ही खनन विभाग ने मिट्टी काटने की अनुमति कैसे दे दी। उधर, होटलों व रेस्टोरेंटो को प्रदूषण संबंधी नोटिस देनेवाला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी इस मामले में मौन है।

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बरहड़वा अंचलाधिकारी को प्रखंड क्षेत्र में संचालित ईंट चिमनी व भट्ठों की सूची बनाकर उसकी जांच-पड़ताल का निर्देश दिया गया है। शीघ्र ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। स्वयं भी ईंट-भट्ठों का निरीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई करेंगे।

रौशन कुमार साह, एसडीओ, राजमहल

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