नववर्ष के उत्साह के बीच आरंभ हुई शक्ति की आराधना
हिदू नववर्ष के उत्साह के बीच मंगलवार से चैती दुर्गा पूजा आरंभ हो गया।
जासं, रांची: हिदू नववर्ष के उत्साह के बीच मंगलवार से चैती दुर्गा पूजा आरंभ हो गया। मां शक्ति की भक्ति को लेकर राजधानी में उत्साह का वातारण है। श्रद्धालु नियम-निष्ठापूर्वक माता की आराधना में जुट गए हैं। मंदिरों में कलश स्थापना कर देवी का आह्वान किया जा रहा है। पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम रूप शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गई। श्रद्धालुओं ने शक्तिस्वरूपा से विश्व को कोरोना संक्रमण के आक्रांत से मुक्ति दिलाने की याचना की। अगले नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा अर्चना की जाएगी। चैती नवरात्र को लेकर घरों में सुबह से ही पूजा की तैयारी आरंभ हो गई थी। हालांकि, कोरोना संक्रमण के कारण राजधानी के माता के मंदिरों में भीड़ नहीं के बराबर थी। श्रद्धालु अपने घरों से ही माता का ध्यान किया।
इधर, नववर्ष विक्रम संवत 2078 आरंभ हो गया है। लोगों ने एक दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं दी। घर में मीठे पकवान बने। पहला भोग भगवान को अर्पित किया गया। नव संवत्सर को लेकर कई मंदिरों में विशेष अनुष्ठान अनुष्ठान हुए। हिदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने नववर्ष के स्वागत में अपने-अपने घरों में दीये जलाये। वहीं, पंजाबी समाज ने नववर्ष को बैसाखी के रूप में मनाया। बैसाखी के दिन ही गुरु गोविद सिंह ने 1699 में आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की स्थापना की थी। हालांकि, इस बार बैसाखी पर कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हुए। गुरुद्वारे में आमलागों का प्रवेश वर्जित रहा।
22 अप्रैल से बजेगी शहनाई
14 मार्च से खरमास लग गया था। इस कारण सभी प्रकार के शुभ कार्य पर रोक थी। 14 अप्रैल से शुभ कार्य फिर से आरंभ हो जाएगा। वहीं, 22 अप्रैल से फिर से शहनाई बजने लगेगी। पंडित बिपिन पांडेय के अनुसार मंगलवार से नववर्ष आरंभ होना मंगलकारी होगा। धरती से रोग-शोक का अंत होगा।
अप्रैल:22, 24, 25, 26, 27, 28, 29, 30।
मई: 1, 2, 7, 8, 9, 13, 14, 21, 22, 23, 24, 25, 26, 28, 29, 30
जून: 3, 4, 5, , 16, 20, 22, 23, 24।
जुलाई:1, 2, 7, 13, 15।
नवंबर:15, 16, 20, 21, 28, 29, 30।
दिसंबर: 1, 2, 6, 7, 11, 13।