World Hypertension Day: अधिक स्टेरॉयड्स लेने से उच्च रक्तचाप का खतरा, इन बीमारियों का भी खौफ; जानें

World Hypertension Day Jharkhand News कोरोना संक्रमण के बीच ब्लड प्रेशर की समस्या बीमारी को और विकराल बना रही है। जो रक्तचाप के रोगी हैं उन्हें इसकी पूरी जानकारी डाॅक्टरों को कोरोना के इलाज से पहले बतानी चाहिए।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 02:51 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 03:01 PM (IST)
World Hypertension Day: अधिक स्टेरॉयड्स लेने से उच्च रक्तचाप का खतरा, इन बीमारियों का भी खौफ; जानें
World Hypertension Day, Jharkhand News जो रक्तचाप के रोगी हैं, उन्हें पूरी जानकारी डाॅक्टरों को इलाज से पहले बताना चाहिए।

रांची, जासं। कोरोना संक्रमितों को अपने इलाज के साथ-साथ दवाओं से होने वाले खतरे से भी सावधान रहने की जरूरत है। इन मरीजों को सबसे अधिक स्टेराॅयड्स की डोज दी जा रही है ताकि उन्हें जल्द ठीक किया जा सके। दवाओं के साथ इंजेक्शन और न्यूबिलाइजेशन के लिए दिए जा रहे स्ट्रांग स्टेराॅयड्स से उच्च रक्तचाप और मधुमेह के बढ़ने का खतरा बनता जा रहा है।

रिम्स के मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. जेके मित्रा बताते हैं कि लोग कोरोना से मुक्ति पाने के लिए अधिक से अधिक स्टेराॅयड्स युक्त दवाओं का इस्तमाल कर रहे हैं। लेकिन इससे सबसे अधिक उच्च रक्तचाप की समस्या सामने आ रही है। अभी जितने भी ऑनलाइन मरीजों की समस्या देखी जा रही है, उसमें इस तरह की बातें सामने आ रही है। उच्च रक्तचाप की स्थिति में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्राॅक आने की संभावना अधिक हो जाती है। साथ ही ऐसे लोग मधुमेह रोगी भी बनते जा रहे हैं।

बिना डाॅक्टरों की सलाह के नहीं लें खुद से दवा

इलाज में स्टेराॅयड्स का डोज कितना लेना है और कब तक लेना है, इसके बारे में डाॅक्टरी सलाह बेहद जरूरी है। डाॅ. मित्रा बताते हैं कि पहले से जो रक्तचाप के रोगी हैं, उन्हें इसकी पूरी जानकारी डाॅक्टरों को इलाज से पहले बतानी चाहिए। साथ ही उन्हें यह भी बताना चाहिए कि पहले उन्हें रक्तचाप को लेकर या मधुमेह को लेकर कोई गंभीर समस्या तो उत्पन्न नहीं हुई है।

कैसे रोके उच्च रक्तचाप को

उच्च रक्तचाप को रोकने के लिए खान-पान पर खास ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे रोगियों को अपने भोजन में नमक की मात्रा कम करनी चाहिए। डाॅ. मित्रा इसकी जानकारी देते हुए बताते हैं कि सिर्फ नमक ही नहीं, लोगों को कम फैट वसा युक्त भोजन करना चाहिए। इसके अलावा नशा से दूर रहना ही बेहतर होता है। खासकर तंबाकू व धूम्रपान पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। डाॅ. मित्रा बताते हैं कि तनाव भी आज उच्च रक्तचाप का मुख्य कारण बनता जा रहा है। तनाव के कारण होने वाले उच्च रक्तचाप से पीड़‍ित लोगों की संख्या काफी अधिक है। ऐसे लोगों को दवा के साथ-साथ मेडिटेशन करना चाहिए और तनाव से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए। इसमें परिवार के हर सदस्य की भूमिका अहम हो जाती है।

तीन से चार माह में हमेशा जांच करवाते रहें

डाॅक्टर उच्च रक्तचाप की पहचान करना सबसे अहम बताते हैं। खासकर रक्तचाप के रोगियों को तीन से चार माह में अपने हृदय, किडनी और केलोस्ट्राॅल की पूरी जांच करानी चाहिए। साथ ही हर दिन बीपी मशीन से रक्तचाप की जांच कर चार्ट बनाना चाहिए, ताकि जरूरत पड़ने पर डाॅक्टर को इलाज करने में देर ना हो सके।

प्राणायाम और आसन से दूर कर सकते हैं उच्च रक्तचाप

दवाओं के सेवन के साथ-साथ प्राणायाम और आसन की मदद से उच्च रक्तचाप से दूर रहा जा सकता है। शुरुआती दौर में रोगियों को दवाओं के साथ-साथ नियमित रूप से योग करना चाहिए। नियमित योग करने से आगे चलकर दवाओं से मुक्ति मिल सकती है। योगी राजीव मिश्रा इसके बारे में बताते हैं कि यदि योग गुरु के दिशा-निर्देश पर नियमित रूप से हर दिन योग किया जाए तो आगे चलकर दवाओं से निजात पाया जा सकता है। इसके लिए हर दिन करीब 20-20 मिनट प्राणायाम और आसन करना लाभदायक है।

हर आसन करने से बचें, इन आसन व प्राणायाम को करें

उच्च रक्तचाप के मरीजों को प्रत्येक आसन करने से बचना चाहिए। सही योग गुरु के मार्गदर्शन पर ही आसन करना सही होता है। योग गुरु मिश्रा बताते हैं कि उच्च रक्तचाप से बचने के लिए कई तरह के आसन हैं लेकिन हर आसन हर मरीज व व्यक्ति के लिए नहीं है। आसन में सेतू बंद आसन, बालक आसन, वृक्षासन, सर्वांग आसन, उतरासन, धनुरासन काफी लाभदायक है। लेकिन कुछ आसन जैसे सिराशन, प्राणायाम में कपालभाति आदि जैसे आसन कुछ के लिए नुकसानदायक भी हो सकते हैं। इन रागियों में प्राणायाम भी काफी लाभदायक साबित होता है। इससे कई तरह से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है। प्राणायाम में वशिष्ठ प्राणायाम काफी अच्छा माना गया है। इसे करने से सांस की पूरी तंत्रिका खुलकर काम करती है। साथ ही अनुलोम-विलोम, चंद्रनाड़ी प्राणायाम और ओंकार चेटिंग काफी कारगर साबित हो चुका है।

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