ज्रेडा के पूर्व निदेशक निरंजन कुमार सहित 4 अफसरों पर होगी प्राथमिकी

सरकारी नियमों को ताक पर रखकर नौकरी करने सरकारी खातों से 170 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान करने सहित कई गंभीर मामलों में फंसे ज्रेडा (झारखंड रिन्यूएबल इनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी) के पूर्व निदेशक निरंजन कुमार सहित चार अधिकारियों पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में प्राथमिकी दर्ज होगी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 12:28 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 05:08 AM (IST)
ज्रेडा के पूर्व निदेशक निरंजन कुमार  सहित 4 अफसरों पर होगी प्राथमिकी
ज्रेडा के पूर्व निदेशक निरंजन कुमार सहित 4 अफसरों पर होगी प्राथमिकी

रांची : सरकारी नियमों को ताक पर रखकर नौकरी करने, सरकारी खातों से 170 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान करने सहित कई गंभीर मामलों में फंसे ज्रेडा (झारखंड रिन्यूएबल इनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी) के पूर्व निदेशक निरंजन कुमार सहित चार अधिकारियों पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में प्राथमिकी दर्ज होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एसीबी की पीई रिपोर्ट, विभाग के मंतव्य की समीक्षा के बाद प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। चारों पदाधिकारियों पर पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच (पीई) में पुष्टि हो गई है। जिनपर प्राथमिकी दर्ज करने की स्वीकृति मिली है, उनमें निरंजन कुमार के अलावा तत्कालीन परियोजना निदेशक अरविद कुमार, बलदेव प्रसाद और ज्रेडा में प्रतिनियुक्त रहे विद्युत कार्यपालक अभियंता श्रीराम सिंह शामिल हैं। अब एसीबी सभी आरोपितों पर प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू करेगा।

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गलत तरीके से दिया था टेंडर, पद की भी नहीं थी अर्हता :

एसीबी ने प्रारंभिक जांच में निरंजन कुमार के विरुद्ध लगे आरोपों को सत्य पाया था। जांच में पता चला था कि निरंजन कुमार ने जाली बैंक गारंटी के बावजूद हैदराबाद की कंपनी को गलत तरीके से टेंडर दिया और उस फाइल को दबाए रखा। वर्ष 2019 में जब नए निदेशक अशोक कुमार ने पदभार ग्रहण किया तो इसका खुलासा हुआ। इसके बाद रांची के डोरंडा थाने में कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि ज्रेडा के लिए कोई आइएएस, आइएफएस या टेक्निकल अफसर ही निदेशक बनने योग्य है। इसके बावजूद निरंजन कुमार बिना योग्यता के पहले निदेशक बने।

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निरंजन कुमार पर क्या हैं आरोप :

इन्होंने सरकार के विभिन्न खातों से लगभग 170 करोड़ रुपये का भुगतान किया। इन पर सपरिवार विदेश भ्रमण करने, अपनी संपत्ति विवरण में अपनी पत्नी के नाम से अर्जित संपत्ति का कोई विवरण नहीं देने, निविदा में मनमानी तरीके से किसी कंपनी विशेष को फायदा पहुंचाने तथा विभिन्न निविदा में बगैर बोर्ड की सहमति के निविदा की शर्तें बदलने का आरोप है। इसके अलावा भारतीय डाक-तार लेखा एवं वित्त सेवा के वरीय पदाधिकारी निरंजन कुमार पर आरोप है कि वे बिना अर्हता पूरी किए पुराने परिचय का दुरुपयोग कर जेयूएसएनएल व ज्रेडा के निदेशक पद पर बने रहे। 27 जनवरी 2019 को प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त हो जाने के बाद इनकी प्रतिनियुक्ति अवधि का विस्तार केंद्र या कार्मिक विभाग ने नहीं किया। ये पद पर बने रहे और वेतन भी उठाते रहे।

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